ब्रह्मपुत्र मेल ट्रेन ने रचा इतिहास,बना इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन पर चलने वाली पहली ट्रेन

कामाख्या स्टेशन तक इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन तैयार,अब सरपट दौड़ेगी यात्री ट्रेनें

कोरोना काल के बावजूद भारतीय रेलवे नित नये नये इतिहास रच रही है। चाहे वह माल ढुलाई हो या माल ढुलाई से कमाई या फिर ट्रेकों का इलेक्ट्रिफिकेशन,हर क्षेत्र में रेलवे नई लकीर खींच रहा है। इसी कड़ी में रेलवे ने एक और उपलब्धि हासिल कर ली है। ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा देते हुए ब्रह्मपुत्र मेल ट्रेन पहली बार इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन पर कामाख्या स्टेशन तक पहुंची। राष्ट्रीय राजधानी से चल कर ट्रेन नंबर 05956 दिल्ली कामाख्या ट्रेन असम के गुवाहाटी के कामाख्या स्टेशन तक पहुंची। इस ट्रेन को चलाने से एक दिन पहले भारतीय रेलवे ने इस इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन पर पार्सल ट्रेन को चलाई थी।

इससे पहले यह थी व्यवस्था

कामाख्या स्टेशन तक इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन नहीं बनने से पहले कटिहार और मालदा से न्यू कूचविहार तक के लिए ट्रेन से इलेक्ट्रिक लोको को अलग कर डीजल लोकोमोटिव जोड़ना पड़ता था। लेकिन कामाख्या तक अब इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन बन जाने से अब लोको को बदलने की जरूरत नहीं होगी,और बेधड़क कामाख्या स्टेशन तक इलेक्ट्रिक लोको ट्रेने जा सकेगी। इस बदलाव से ना सिर्फ ट्रेनों की गति बढ़ेगी बल्कि समय और धन की बचत होगी। इसके अलावा अधिक क्षमता वाली लोको ट्रेनों को भी चलाया जा सकेगा। प्रदूषण में कमी होने के साथ साथ ट्रांसपोर्टेशन लागत में भी कमी आयेगी।

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