हर घर तिरंगा से 600 करोड़ रुपये का व्यापार होने की उम्मीद

कैट ने पीएम नरेंद्र मोदी से 15 अगस्त से चालू वर्ष को स्वराज वर्ष घोषित करने का आग्रह किया

 

देश अगले 2 दिनों में यानी की 15 अगस्त 2023 को 77 वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर घर तिरंगा अभियान की मुहिम चला रखी है। पीएम ने सभी देशवासियों से अपने घरों में तिरंगा लगाने और तिरंगा के साथ सेल्फी लेने की गुजारिश की है। मोदी के हर घर तिरंगा अभियान को देश भर में बेहद उत्साहपूर्वक मनाने के लिए कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) देश भर में व्यापक रूप से बड़े प्रयास कर रहा है। व्यापारी वर्ग ने उम्मीद जताई है कि इस अभियान के तहत देश भर में लगभग 35 करोड़ तिरंगे झंडे की बिक्री होगी जिससे लगभग 600 करोड़ रुपये का व्यापार होगा ।पिछले वर्ष यह बिक्री लगभग 500 करोड़ रुपये थी।कैट ने भी देश के सभी व्यापारियों से अपील की है कि वो अपनी दुकानों एवं घरों पर 13 अगस्त से 15 अगस्त तक राष्ट्रीय ध्वज ज़रूर लगायें। व्यापारी अपने कर्मचारियों को भी तिरंगे झंडा वितरित करें जिससे वो अपने घरों पर लगा सकें। कैट ने कहा कि राष्ट्रभक्ति एवं स्व-रोजगार से जुड़े इस अभियान ने पूरे देश में लोगों के बीच देशभक्ति की एक अद्भुत भावना और कोआपरेटिव व्यापार की बड़ी संभावनाएं खोल दी हैं।

कैट अधिकारियों ने कही ये बड़ी बात

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने तिरंगा के प्रति लोगों के समर्पण और उत्साह को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 15 अगस्त 2023 से 15 अगस्त 2024 तक की अवधि को “स्वराज वर्ष” के रूप में घोषित करने की अपील की है वहीं यह भी आग्रह किया की अगले माह होने वाले जी 20 सम्मेलन के अवसर पर भी देश के लोगों से हर घर तिरंगा की अपील की जाए। कैट अधिकारियों ने कहा कि आज से 15 अगस्त तक पूरे देश में कैट के झंडे तले देश के व्यापारी संगठन 4000 से अधिक तिरंगा कार्यक्रम आयोजित करेगा जिसमें तिरंगा रैलियां, तिरंगा मार्च,तिरंगा गौरव यात्रा एवं स्वराज मार्च जैसे कार्यक्रम होंगे।

10 लाख से अधिक मिलेगा रोजगार

कैट ने कहा कि हर घर तिरंगा अभियान से देश भर में 10 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है, जिन्होंने अपने घर में या छोटे स्थानों पर स्थानीय दर्जी की सहायता से बड़े पैमाने पर तिरंगा झंडा बनाया। एसएमई विनिर्माण और व्यापार क्षेत्र ने सबसे अधिक संगठित तरीके से बड़ी संख्या में भारतीय ध्वज तैयार करने में दिन-रात काम किया। आम तौर पर बनाए गए ध्वज के विभिन्न आकारों में 6800×4200 मिमी, 3600 x 2400 मिमी, 1800×1200 मिमी, 1350×900 मिमी, 900×600 मिमी, 450×300 मिमी, 225×150 मिमी और 150×100 मिमी शामिल हैं।

पिछले कुछ वर्षो में 4 गुना बढ़ा तिरंगा झंडे की बिक्री

वर्ष 2022 से पहले पिछले वर्षों में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, भारतीय तिरंगे की वार्षिक बिक्री लगभग 150-200 करोड़ रुपये तक सीमित थी।जबकि हर घर तिरंगा आंदोलन ने बिक्री को कई गुना बढ़ाकर 600 करोड़ रुपये कर दिया है । कैट अधिकारियों ने पीएम से अपील की हैं कि  “आत्मनिर्भर भारत” और “लोकल पर वोकल ” के दृष्टिकोण को और मजबूत किए जाने की जरूरत है । देश के व्यापार और मध्यम उद्योग को उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए जो वैश्विक परिदृश्य पर भारत को एक विशिष्ट राष्ट्र के रूप में स्थापित करेगी। उन्होंने आगे कहा कि देश भर में तिरंगा अभियान के प्रति लोगों के उत्साह और देशभक्ति को देखते हुए सरकार को विभिन्न क्षेत्रों के संगठनों के साथ पीपीपी मॉडल में भारत की मूल कला एवं व्यापारिक दक्षताओं को जगाने के लिए अभियान चलाना चाहिए। जिसका मूल उद्देश्य राष्ट्र सर्वोपरि हो तथा भारत में बनी हुई वस्तुओं के उपयोग करने का आग्रह हो। देश के युवाओं को आजादी प्राप्त करने में लोगों द्वारा किए गए बलिदानों को बताने और स्वराज वर्ष की एक साल में देश की स्वतंत्रता के बारे में बताने के साथ साथ उनकी भावनाओ और आत्मविश्वास को आत्मसात करना जरूरी है। कैट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि पिछले 76 वर्षों में पूरी दुनिया में ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई देश अपने राष्ट्रीय ध्वज के नीचे एक साथ खड़ा है। इससे पूरी दुनिया में भारत का बड़ा मजबूत संदेश गया है। वर्तमान समय में जब कुछ लोग देश को अस्थिर करना चाहते हैं, ऐसे में स्वराज वर्ष देश के ताने-बाने को देशभक्ति के धागे से बांधने में बहुत अच्छा काम करेगा।

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