52 वीं जीएसटी कौंसिल की बैठक दिल्ली में शुरू,इन अहम मुद्दों पर फैसला संभव
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 52वीं बैठक (52nd GST Council Meeting) शुरू हो गई है।दिल्ली स्थित सुषमा स्वराज भवन में चल रही इस बैठक में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (विधानमंडल के साथ) के वित्त मंत्रियों और केंद्र सरकार और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी भी शामिल है। उम्मीद की जा रही है कि इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। इससे पहले 51वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक 2 अगस्त, 2023 को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ही हुई थी। इस बैठक की खास बात यह थी कि इसमें कैसिनो, हॉर्स रेसिंग और ऑनलाइन गेमिंग सहित कई विषयों पर जीएसटी दरों को लेकर फैसला लिया गया था।
जीएसटी कौंसिल की बैठक में लिए जा सकते है ये बड़े फैसले
- लिकर (Liquor) कम्पनियों के लिए आज एक अच्छी खबर आ सकती है। काउंसिल की बैठक में मौलेसिस (Molasses) पर जीएसटी 28 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया जा सकता है, साथ ही Extra Neutral Alcohol पर लगने वाले टैक्स पर सफाई भी सामने आ सकती है।
- कम्पनियों के निदेशक जो बैंक या बॉण्ड गारंटी देते है उनको जीएसटी चुकानी होगी। निदेशकों द्वारा दी जानी वाली गारंटी कि रक़म का 1% कमीशन पर 18 फीसदी जीएसटी देने पर फ़ैसला संभव है।
- फिटमेंट कमिटी ने मिलेट्स ईयर के चलते पाउडर फॉर्म के मिलेट्स पर जीएसटी कटौती की सिफारिश की है। मिलेट्स के बने आटे पर जीएसटी में कटौती हो सकती है। मिलेट्स से बने आटे को खुले में बेचने पर जीएसटी नहीं लगेगा। मिलेट्स के आटा प्री-पैकेज्ड फॉर्म और लेबल्ड पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी करने का फिटमेंट कमिटी ने सिफारिश की है। कमिटी ने साफ कर दिया है कि जीएसटी की कटौती केवल पाउडर फॉर्म के जीएसटी पर ही होगी।
- Fitment Committee ने EV Battery पर जीएसटी कटौती कि मांग को अस्वीकार कर दिया है। इंडस्ट्री ने EV बैटरी पर 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने की मांग की थी। लेकिन फिटमेंट कमिटी का मानना है कि चूंकि लिथियम बैटरी का उपयोग मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में भी होता है, ऐसे में इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए ईवी बैटरी पर जीएसटी कटौती नहीं किया जा सकता है।
- मेटल स्क्रैप पर रिवर्स मैकेनिज्म के ज़रिए टैक्स वसूलने के मुद्दे को फिलहाल टाल दिया है। फिटमेंट कमेटी का मानना है कि जीएसटी वसूलने के लिए RCM सही तरीक़ा नहीं है, इसके लिए कोई और तरीका निकालना पड़ेगा। हालांकि अभी इस मामले में ऑफिसर कमिटी की रिपोर्ट आना बाकी है। इसके बाद ही कोई फैसला हो पाएगा। उम्मीद ये भी की जा रहा है कि जीएसटी कौंसिल रेलवे की सर्विस को फॉरवर्ड मैकेनिज्म से टैक्स वसूलने पर फ़ैसला ले सकती है, फिलहाल रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के ज़रिए जीएसटी वसूल किया जाता है।