17 वर्षों के बाद टीम इंडिया ने रचा इतिहास, रोमांचक फाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 7 रनों से दी शिकस्त
विराट कोहली, रोहित शर्मा और रविंद्र जडेजा ने लिया आईसीसी टी-20 से सन्यास
टीम इंडिया लंबे समय से कोई ICC ट्रॉफी नहीं जीत पाई थी, कई क्रिकेट प्रेमी निराशा से बोल रहे थे हम चोकर्स हैं। रोहित शर्मा की कप्तानी में जिस तरह दक्षिण अफ्रीका से जीत छिन लाये…अब देश का बच्चा-बच्चा बोल रहा है… हम चोकर्स नहीं… बल्कि हम विश्व चैंपियन हैं। 2011 के बाद इंडिया ने 5 फाइनल खेले, पिछले वनडे वर्ल्ड कप में टीम इंडिया जीतते-जीतते हार गए। इस बार रोहित शर्मा की टीम ने ऐसा फाइनल जीता, जिस फाइनल में हर कोई सोच रहा था कि इंडिया जीत नहीं सकती। स्थिति ऐसी बन गई थी कि दक्षिण अफ्रीकी टीम को 30 बॉल में 30 रन चाहिए थे, टी-20 में 30 बॉल पर 30 रन होते क्या हैं, लेकिन भारतीय गेंदबाजों और भारतीय फील्डर्स ने साबित कर दिया कि जीत के लिए यह लक्ष्य भी पहाड़ जैसा है।
2007 के बाद अब जीते टी-20 वर्ल्ड कप
भारत ने 2007 में पहला ही टी-20 वर्ल्ड कप अपने नाम किया, टीम ने फाइनल में पाकिस्तान को 5 रन से हराकर ट्रॉफी जीती। इसके बाद टीम ने 7 और टी-20 वर्ल्ड कप खेले। 3 बार टीम नॉकआउट स्टेज यानी सेमीफाइनल और फाइनल तक पहुंची, लेकिन खिताब से चूक गई। 2014 में भारत ने साउथ अफ्रीका को सेमीफाइनल में हराया, लेकिन श्रीलंका से फाइनल गंवाना पड़ा। 2016 में अपने ही घरेलू मैदान पर भारत नॉकआउट में पहुंचा, लेकिन वेस्टइंडीज से सेमीफाइनल हार गई। 2022 में टीम आखिरी बार नॉकआउट में पहुंची, लेकिन इस बार इंग्लैंड ने 10 विकेट से हरा दिया। इस बीच 2009, 2010, 2012 और 2021 में टीम ग्रुप स्टेज भी पार नहीं कर सकी। अब इसी फॉर्मेट के वर्ल्ड कप में भारत ने तीसरा फाइनल खेला और इस बार ट्रॉफी जीतकर अपने ICC खिताब का सूखा भी खत्म कर दिया। शनिवार रात फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को 7 रन से हराया। बारबडोस में इंडिया ने पहले बैटिंग चुनी। टीम इंडिया ने 20 ओवर में 7 विकेट पर 176 रन बनाए। जवाब में साउथ अफ्रीका 20 ओवर में 8 विकेट पर 169 रन ही बना सकी।विराट कोहली ने 76 रन की पारी खेली। वे प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए। वहीं, 2 विकेट लेने वाले जसप्रीत बुमराह को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया।
दक्षिण अफ्रीकी नहीं धो पाए चोकर्स का दाग
अब बात साउथ अफ्रीका की। पहला फाइनल मैच हाथ में ही था। क्लासन 27 बॉल पर 52 रन बना चुके थे, सबसे खतरनाक फिनिशर डेविड मिलर भी क्रीज पर थे। साउथ अफ्रीका ने जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया था, लेकिन बुमराह-अर्शदीप के 2-2 और हार्दिक के 3 ओवर बाकी थे। तीनों ने हार को जीत में बदल दिया। 32 साल बाद उम्मीद थी कि साउथ अफ्रीका टीम खुद से चोकर्स का दाग धो डालेगी, लेकिन टीम 177 रन का टारगेट चेज नहीं कर पाई। 7 रन से हार गई। उसका इतिहास बदला नहीं, पहले भी चोकर्स थी, आज भी वही साबित हुई।
वनडे वर्ल्ड कप में 5 सेमीफाइनल गंवाए
साउथ अफ्रीका ने ICC का बैन हटने के बाद 1992 में पहली बार वनडे वर्ल्ड कप खेला। टीम ने शानदार प्रदर्शन किया और सेमीफाइनल में जगह बनाई, लेकिन इंग्लैंड से हार गए। 1996 से 2015 तक टीम 6 में 5 बार नॉकआउट राउंड में पहुंची, लेकिन कभी क्वार्टर फाइनल तो कभी सेमीफाइनल हारकर बाहर हो गई। 2003 और 2019 में टीम नॉकआउट राउंड में नहीं पहुंच सकी। 2023 में साउथ अफ्रीका ने फिर कमबैक किया और सेमीफाइनल खेला, लेकिन ऑस्ट्रेलिया से हार गए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम ने यह वनडे वर्ल्ड कप तीसरा सेमीफाइनल गंवाया था। इसके अलावा टीम 2 बार न्यूजीलैंड और एक-एक बार वेस्टइंडीज और इंग्लैंड से नॉकआउट हारी है। टीम ने एकमात्र नॉकआउट मैच 2015 में जीता, तब साउथ अफ्रीका ने क्वार्टर फाइनल में श्रीलंका को हराया था।
टीम इंडिया को 2011 के बाद से ही विश्व कप का था इंतजार
भारत ने वनडे वर्ल्ड कप का आखिरी खिताब 2011 में जीता। इसके 28 साल पहले 1983 में टीम को इस फॉर्मेट के वर्ल्ड कप में पहली कामयाबी मिली थी। तब टीम ने फाइनल में वेस्टइंडीज और 2011 में श्रीलंका को फाइनल हराकर ट्रॉफी जीती। इसके बाद से भारत 3 और वनडे वर्ल्ड कप खेले, हर बार टीम नॉकआउट स्टेज में पहुंची, लेकिन खिताब एक में भी नहीं मिल सका।2015 में भारत ने क्वार्टर फाइनल में बांग्लादेश को हराया, लेकिन सेमीफाइनल में होम टीम ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ गया। 2019 में न्यूजीलैंड ने भारत को सेमीफाइनल हरा दिया। 2023 में फिर भारत ने हिसाब बराबर किया और सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को ही हरा दिया, लेकिन टीम फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से जीत नहीं सकी।