राजस्थान,असम और अरुणाचल प्रदेश में भी अग्निवीरों को मिलेगा आरक्षण

अब तक 10 भाजपा शासित राज्यों ने आरक्षण देने की घोषणा की,केंद्रीय सुरक्षा बल में भी छूट का ऐलान

राजस्थान,असम और अरुणाचल प्रदेश अब उन राज्यों की सूची में शामिल हो गए हैं जो अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में आरक्षण देने का ऐलान किया है। इन तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने 27 जुलाई यानी शनिवार को इसकी घोषणा की। इससे पहले 26 जुलाई को मध्यप्रदेश,उत्तर प्रदेश,ओडिशा,गुजरात और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने आरक्षण देने की घोषणा की थी। और इससे भी पहले 22 जुलाई को हरियाणा और उत्तराखंड की सरकार भी अग्निवीरों  को आरक्षण  देने की घोषणा कर चुकी हैं। गौरतलब है कि सबसे पहले गृह मंत्रालय ने भी बीएसएफ,सीआरपीएफ,एसएसबी और सीआईएसएफ में अग्निवीरों को 10 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा की थी।

विपक्षी दलों के नेताओं ने अग्निपथ योजना बंद किए जाने की मांग की 

सेना में अग्निपथ योजना के जरिए अग्निवीरों की भर्ती को लेकर विपक्षी शुरू से केंद्र सरकार पर हमलावर है। लोकसभा चुनाव के प्रचार प्रसार के दौरान भी इस योजना के खिलाफ विपक्षी दलों ने खुलकर विरोध जताया था। लोकसभा में विपक्ष के नेता व सांसद राहुल गांधी ने इस योजना को बंद करने की मांग की है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा कि अगर INDIA गठबंधन की सरकार पावर में आती है तो इस योजना को बंद कर दिया जाएगा।

जानिए आखिर क्या है अग्निपथ योजना की नियम, शर्ते और सीमाएं

केंद्र की मोदी सरकार ने 2022 में अग्निपथ योजना लांच की थी। इस योजना के तहत थल सेना,नौ सेना और वायु सेना में चार सालों के लिए नौजवानों को कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती किया जाता है। इन चार सालों की अवधि में 6 महीनों का प्रशिक्षण भी शामिल है। चार सालों के कार्यकाल के बाद अग्निवीरों के कार्यक्षमता के आधार पर रेटिंग दी जाएगी। इसी मेरिट के आधार पर 25 फीसदी अग्निवीरों को परमानेंट सर्विस यानी स्थायी सेवा में लिया जाएगा। शेष 75 फीसदी अग्निवीर वापस सिविल लाइफ में आ जाएंगे।

अग्निवीरों की भर्ती ऑफिसर रैंक के नीचे

इस योजना के तहत जिन अग्निवीरों की भर्ती किए जा रहे हैं वे ऑफिसर रैंक के नीचे होते हैं। यानी इनकी रैंक पर्सनल बिलो ऑफिसर रैंक यानी पीबीओआर के तौर पर होगी। इन सैनिकों की रैंक सेना में अभी होने वाली कमीशंड ऑफिसर और नॉन कमीशंड ऑफिसर की नियुक्ति से अलग होती है। साल में दो बार रैली के जरिए अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी।अग्निवीर बनने के लिए 17.5 साल से 21 साल का होना जरूरी है। साथ ही कम से कम 10वीं पास होना जरूरी है। 10वीं पास भर्ती होने वाले अग्निवीरों को 4 साल की सेवा पूरी करने के बाद 12वीं के समकक्ष सर्टिफिकेट दिया जाएगा।

साल       मासिक सैलरी           कैश इनहैंड      कॉर्पस कंट्रीब्यूशन    सरकारी कंट्रीब्यूशन

पहला साल     30,000             21,000              9,000                  9,000

दूसरा साल     33,000             23,100              9,900                  9,900

तीसरा साल     36,500             25,580              10,950                10,950

चौथा साल      40,000             28,000              12,000                  12,000

चार सालों की सेवा में अग्निवीर अपनी सैलरी से कॉर्पस फंड में 5.02 लाख रुपये का कंट्रीब्यूशन करते हैं, और उतना ही रकम सरकार भी कंट्रीब्यूट करती है। चार साल बाद सेवा निधि पैकेज के रुप में अग्निवीरों को एकमुश्त 11.71 लाख रुपये दिए जाते है। इस रकम पर अग्निवीरों को कोई कर अदा नहीं करनी पड़ती है। सेवा के दौरान अग्निवीरों को 30 छुट्टियां देने का प्रावधान है। हालांकि मेडिकल छुट्टियां डॉक्टरी रिपोर्ट के बाद देने की भी सुविधा है। गौरतलब है कि इन अग्निवीरों को पेंशन,ग्रैच्युटी,कैंटीन और रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली सुविधाएं नहीं मिलेगी।

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