पीएम नरेंद्र मोदी दो दिवसीय पोलैंड दौरे पर,कहा-पोलैंड के निवेशक भारत में करे निवेश

पीएम मोदी ने साझा स्टेटमेंट जारी कर कहा-यूक्रेन और पश्चिम एशिया संघर्ष का समाधान रणभूमि में नहींं

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूरोपियन देश पोलैंड के 2 दिन के दौरे पर हैं। राजधानी वॉरसॉ में आज गुरुवार यानी 22 अगस्त को उनका सेरिमोनियल वेलकम हुआ। यहां भारत के राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ की धुन के साथ उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। शाम को राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से मिलने के बाद मोदी ट्रेन के जरिए यूक्रेन रवाना होंगे। इससे पहले बुधवार को शाम करीब साढ़े 5 बजे मोदी पोलैंड पहुंचे थे। यहां भारतीय समुदाय ने होटल में उनका स्वागत किया। इसके बाद PM मोदी ने जामनगर के ‘जम साहिब’ महाराज दिग्विजय सिंहजी जडेजा के स्मारक पर श्रद्धांजलि दी। PM मोदी ने रात करीब 11 बजे भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया। PM मोदी ने कहा, “45 साल बाद कोई भारतीय PM पोलैंड आया है। कुछ अच्‍छे काम मेरे नसीब में ही लिखे हैं। पहले की सरकारों की नीति रहती थी कि दूरी बनाए रखो। हमारी नीति यह है कि हमें सभी देशों से करीबी रिश्ते बनाए रखने हैं।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पोलैंड के प्रधानमंत्री ने साझा प्रेस स्टेटमेंट जारी किया,ये है साझा स्टेटमेंट के अंश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साझा स्टेटमेंट में कई मुद्दों पर अपनी राय रखी। वारसॉ जैसे खूबसूरत शहर में गर्मजोशी भरे स्वागत, भव्य आतिथ्य सत्कार, और मित्रता भरे शब्दों के लिए मैं प्रधानमंत्री टुस्क का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। आप लंबे समय से भारत के अच्छे मित्र रहे हैं। भारत और पोलैंड की मित्रता को मज़बूत करने में आपका बहुत बड़ा योगदान है। आज का दिन भारत और पोलैंड के संबंधों में विशेष महत्व रखता है। आज पैंतालीस साल के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने पोलैंड का दौरा किया है। मेरे तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही मुझे यह सौभाग्य मिला है। इस अवसर पर मैं पोलैंड की सरकार और यहाँ के लोगों का विशेष आभार व्यक्त करता हूँ। आपने, 2022 में, यूक्रेन conflict(विवाद) में फंसे हुए भारतीय स्टूडेंट्स को निकालने के लिए जो उदारता दिखाई, उसे हम भारतवासी कभी नहीं भूल सकते। इस वर्ष हम अपने राजनयिक संबंधों की सत्तरवीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस अवसर पर हमने संबंधों को Strategic Partnership(रणनीतिक साझेदारी) में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है। भारत और पोलैंड के संबंध democracy(लोकतंत्र) और rule of law जैसी साझा मूल्यों पर आधारित हैं। आज हमने संबंधों को एक नई दिशा देने के लिए कई initiatives की पहचान की है। दो लोकतान्त्रिक देशों के रूप में हमारी पार्लियामेंट के बीच आदान प्रदान को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। आर्थिक सहयोग को व्यापक रूप प्रदान करने के लिए private सेक्टर को जोड़ने के लिए काम किया जायेगा।

पोलैंड की कंपनियां भारत में करे निवेश, खोले फुड पार्क

Food Processing के क्षेत्र में पोलैंड world leaders में से है। हम चाहते हैं कि पोलैंड की कंपनियां, भारत में बनवाये जा रहे Mega Food Parks से जुड़ें। भारत में तेज़ गति से हो रहे शहरीकरण से water treatment, solid waste management, urban infrastructure ऐसे क्षेत्रों में हमारे सहयोग के नए अवसर खुल रहे हैं। Clean Coal Technology, Green Hydrogen, Renewable Energy, Artificial Intelligence भी हमारी साझा प्राथमिकता के विषय हैं। हम पोलैंड की कंपनियों को मेक इन इंडिया and make for the world से जुड़ने के लिए आमंत्रित करते हैं। Fin Tech, Pharma, space ऐसे क्षेत्रों में भारत ने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। हमें इन क्षेत्रों में अपना अनुभव पोलैंड के साथ साझा करने में ख़ुशी होगी। रक्षा के क्षेत्र में करीबी सहयोग हमारे गहरे आपसी विश्वास का प्रतीक है। इस क्षेत्र में आपसी सहयोग को सुदृढ़ बनाया जाएगा। इनोवेशन और talent हमारे दोनों देशों की युवा शक्ति की पहचान है। Skilled workforce की भलाई के लिए, skilled workers की भलाई के लिए, और मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए, दोनों पक्षों के बीच सोशल सिक्यूरिटी अग्रीमेंट पर सहमती बनी है।

संयुक्त राष्ट्र संघ और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों में संशोधन वर्तमान समय की मांग

भारत और पोलैंड अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ रहे हैं। हम दोनों सहमत हैं कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ तथा अंतराष्ट्रीय संस्थानों में रिफॉर्म वर्तमान समय की मांग है। आतंकवाद हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है। मानवता में विश्वास रखने वाले भारत और पोलैंड जैसे देश ऐसे और अधिक सहयोग आवश्यक है। उसी तरह जलवायु परिवर्तन हमारे लिए साझा प्राथमिकता का विषय है। हम दोनों अपनी क्षमताओं को जोड़ कर ग्रीन फ्यूचर के लिए काम करेंगे। जनवरी 2025 में पोलैंड यूरोपियन यूनियन की अध्यक्षता संभालेगा । मुझे विश्वास है कि आपके सहयोग से भारत और EU के संबंधो को बल मिलेगा ।

यूक्रेन और पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष का समाधान रणभूमि में नहीं

यूक्रेन और पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष हम सभी के लिए गहरी चिंता का विषय है। भारत का यह दृढ़ विश्वास है कि किसी भी समस्या का समाधान रणभूमि में नहीं हो सकता। किसी भी संकट में मासूम लोगों की जान की हानि पूरी मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गयी है। हम शांति और स्थिरता की जल्द से जल्द बहाली के लिए डायलॉग और डिप्लोमेसी का समर्थन करते हैं। इसके लिए भारत अपने मित्र देशों के साथ मिलकर हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार हैं। पोलैंड में Indology और संस्कृत का बहुत पुराना और समृद्ध tradition रहा है। भारतीय सभ्यता और भाषाओँ में गहरी रूचि से हमारे संबंधों की मज़बूत नींव रखी गई थी। हमारे गहरे people-to-people ties का एक प्रत्यक्ष और जीवंत उदाहरण कल मैंने देखा। इंडियन पोल्स के “दोबरे महाराजा”, और कोल्हापुर के महाराज की याद में बनाये गए monuments पर मुझे श्रद्धांजलि देने का सौभाग्य मिला। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज भी पोलैंड के लोग उनके परोपकार और उदारता का सम्मान करते हैं। उनकी स्मृति को अमर करने के लिए हम भारत और पोलैंड के बीच Jam Saheb of Nawanagar Youth Exchange Program शुरू करने जा रहे हैं। हर वर्ष पोलैंड के 20 युवाओं को भारत यात्रा पर लेकर जाया जाएगा।

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