कुछ जरूरी कारणों से सेबी चीफ(SEBI Chief) दिल्ली नहीं आ पायी

सेबी चीफ माधबी पुरी बुच को पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (PAC) की मीटिंग के सामने पेश होना था। लगे है कई गंभीर आरोप।

सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच गुरुवार यानी 24 अक्टूबर पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (PAC) की बैठक में “कुछ जरूरी कारणों” की वजह से शामिल नहीं हुईं। यह दूसरी बार था जब बुच को कमेटी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल की अध्यक्षता में ये मीटिंग मार्केट रेगुलेटर (सेबी) के ऑपरेशन्स को रिव्यू करने के लिए निर्धारित की गई थी। बुच और सेबी के अन्य अधिकारियों के अनुपलब्ध होने के बाद बैठक स्थगित कर दी गई। अमेरिका बेस्ड शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग की ओर से लगाए गए हितों के टकराव के आरोपों के बीच PAC ने आज बुच को तलब किया था। उन पर SEBI से जुड़े होने के दौरान ICICI बैंक समेत 3 जगहों से सैलरी लेने का आरोप भी लगा था।

पर्सनल इमरजेंसी के कारण बैठक में शिरकत नहीं कर सकीं सेबी चीफ

कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा- “सुबह 9.30 बजे, हमें सेबी प्रमुख और अन्य मेंबर्स से जानकारी मिली कि वह पर्सनल इमरजेंसी के कारण दिल्ली की यात्रा करने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में हमने आज की बैठक स्थगित करने का फैसला किया।

सेबी चीफ पर दो गंभीर आरोप

1. अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में SEBI चीफ की हिस्सेदारी

अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार (19 अगस्त) को एक रिपोर्ट जारी की थी। व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों के आधार पर हिंडनबर्ग ने दावा किया था कि बुच और उनके पति की मॉरीशस की ऑफशोर कंपनी ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में हिस्सेदारी है। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में कथित तौर पर अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने अरबों डॉलर निवेश किए हैं। इस पैसे का इस्तेमाल अडाणी ग्रुप के शेयरों के दामों में तेजी लाने के लिए किया गया था। हालांकि माधवी बुच ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार और चरित्र हनन का प्रयास बताया था। SEBI चेयरपर्सन ने सभी फाइनेंशियल रिकॉर्ड डिक्लेयर करने की इच्छा व्यक्त की। अपने पति धवल बुच के साथ एक जॉइंट स्टेटमेंट में उन्होंने कहा, ‘हमारा जीवन और फाइनेंसेस एक खुली किताब है।

2. SEBI से जुड़े होने के दौरान ICICI बैंक समेत 3 जगहों से सैलरी लेने का आरोप

कुछ समय पहले कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर माधवी पर SEBI से जुड़े होने के दौरान ICICI बैंक समेत 3 जगहों से सैलरी लेने का आरोप लगाया था। खेड़ा ने कहा था कि माधबी पुरी बुच 5 अप्रैल, 2017 से 4 अक्टूबर, 2021 तक SEBI में पूर्णकालिक सदस्य थीं। फिर 2 मार्च, 2022 को माधबी पुरी बुच SEBI की चेयरपर्सन बनीं। खेड़ा ने दावा किया था कि माधबी पुरी बुच SEBI की पूर्णकालिक सदस्य होते हुए रेगुलर इनकम ICICI बैंक से ले रही थीं, जो कि 16.80 करोड़ रुपए था।

Related Articles

Back to top button