केंद्र सरकार ने 22 राज्यों को स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड से 7,532 करोड़ रुपए जारी किया
महाराष्ट्र,हिमाचल प्रदेश,उत्तराखंड,पंजाब,जम्मू कश्मीर,बिहार सहित कई राज्यों प्रकृति ने तांडव मचा रखा है। क्या घर क्या बिल्डिंग बड़े बड़े पुल-पुलियां और पर्वत चोटी तक भरभरा कर गिर रहे है। भारी मात्रा में जानमाल का नुकसान हो रहा है। चारो तरफ प्राकृतिक आपदा का चीख पुकार मचा हुआ है। प्राकृतिक आपदाओं से राज्यों का न सिर्फ राजस्व प्रभावित हो रहा है बल्कि भारी मात्रा में संपत्ति का भी नुकसान हो रहा है। इन परिस्थितियों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने 22 राज्यों को स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड से 7,532 करोड़ रुपए जारी किया है। वित्त मंत्रालय ने राज्यों को यह रकम गृह मंत्रालय के सिफारिशों के आधार पर जारी किया है। देश भर के विभिन्न राज्यों में हो रहे भारी बारिश और उससे हुए जान माल के नुकसान को देखते हुए केंद्र सरकार ने गाइडलाइन के नियमों को भी आसान करने का निर्णय लिया है। इसके तहत पिछले साल जारी किए फंड का बिना यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट को जमा लिए ही इस फंड को जारी किया गया है। जबकि नियम यह है कि केंद्र सरकार वित्त कमीशन के सिफारिश के आधार पर साल में दो इंस्टालमेंट में राज्यों को फंड जारी करती है। गाइडलाइंस के आधार पर राज्यों को फंड तभी जारी करती है जब पिछले इंस्टालमेंट का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट जमा कर दिया जाता है। आपातकाल की स्थिति में इस नियम को छोड़कर केंद्र सरकार फंड जारी कर सकती है।
इस कानून के तहत जारी किया जाता है स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड
डिजास्टर मैनेजमेंट कानून 2005 की धारा 48 (1)A के तहत एसडीआरएफ का राज्यों में गठन किया गया था। सामान्य राज्यों में एसडीआरएफ में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 75% होती है जबकि उत्तर पूर्वी राज्यों और हिमालयन राज्यों में केंद्र की हिस्सेदारी 90 फीसदी होती है।
एसडीआरएफ का इस्तेमाल इन स्थितियों के लिए किया जाता है
साइक्लोन, सूखा,भूकंप,आग, बाढ़,सुनामी,हेलस्टॉर्म,लैंडस्लाइड,हिमस्खलन, बादल फटना,कीटों का हमला,फ्रॉस्ट और कोल्ड वेव जैसे आपदा से निपटने के लिए इस फंड का इस्तेमाल किया जाता है। एसडीआरएफ का आवंटन पिछले खर्चों,क्षेत्र,जनसंख्या और डिजास्टर रिस्क इंडेक्स के आधार पर राज्यों को किया जाता है। 15 वें वित्त कमीशन के सिफारिश के आधार पर 2020-21 से 2025-26 तक एसडीआरएफ 1,28,122.40 करोड़ रुपए आवंटित किया जाना है। जिसमे से 98,080 करोड़ रुपए केंद्र सरकार की हिस्सेदारी होगी। जिसमे से मौजूदा आवंटन को छोड़ कर 34,140 करोड़ रूपए पहले ही केंद्र सरकार जारी कर चुकी है।यानी मौजूदा राशि को जोड़ दे तो 42,366 करोड़ रुपए केंद्र सरकार ने राज्यों को फंड जारी कर चुकी है।