आईआईसीसी-“यशोभूमि” में 2025 तक 200 से अधिक प्रदर्शनी और सम्मेलनों के आयोजन की योजना

दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा इंडिया इंटरनेशनल कंवेन्शन एंड एक्सपो सेंटर यानी  आईआईसीसी का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को किया था। जिसे “यशोभूमि” नाम दिया गया है। इस प्रदर्शनी और सम्मेलन सेंटर की विशालता और भव्यता बस देखते ही बनती है। इस प्रोजेक्ट का पहला फेज बनकर तैयार है और आनेवाले वर्षों में बहुत जल्द इसका दूसरा फेज बनकर तैयार हो जायेगा।आईआईसीसी द्वारका के एमडी व सीईओ सुमिता दवरा के मुताबिक 221 एकड़ भूमि में तैयार हो रहे इस आईआईसीसी में अगले दो सालों में 200 से अधिक प्रदर्शनी और सम्मेलनों के आयोजन की योजना है। डिजीटल इन्नोवेशन,हॉस्पिटेलिटी,इंटरटेनमेंट,हेल्थकेयर,ऑटोमोबाइल,इंफ्रास्ट्रक्चर,ट्रेवल व टूरिज्म और स्मार्ट मैन्यूफेक्चरिंग के सेक्टर के इवेंट्स पर मुख्य तौर पर फोकस होगा।

आईआईसीसी की वैश्विक स्तर पर मार्केटिंग करने की जिम्मेदारी कोरियाई कंपनी को दिया गया

करीब 25000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहे इस आईआईसीसी सेंटर का वैश्विक स्तर पर मार्केटिंग करने की जिम्मेदारी कोरियाई कंपनी किनेक्सिन कंवेशन मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है। वैश्विक टेंडर के आधार पर आईआईसीसी वेन्यू के प्रबंधन का चयन इस कोरियाई कंपनी का किया गया है।

MICE इंडस्ट्री रैकिंग में भी होगा सुधार,दिल्ली का टॉप 5 पर पहुंचने की उम्मीद

डिपार्टमेंट फोर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड सचिव राजेश कुमार ने पत्रकारों से बात करते हुए जानकारी दी कि यह भारत की सबसे बड़ी कॉमप्लैक्स है जो MICE(meetings, incentives, conferences and exhibitions) इंडस्ट्री को आकर्षित करने में मददगार साबित होगी। उम्मीद की जा रही है कि हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ही दिल्ली के प्रगति मैदान में उद्घाटन किए गए भारत मंडपम और आईआईसीसी में वैश्विक और घरेलू इवेंट्स आयोजन करने में काफी मदद मिलेगी। करीब 25 लाख करोड़ रुपये के वैश्विक माइस इंडस्ट्री में भारत की हिस्सेदारी महज 1 फीसदी है। उम्मीद की जा रही है कि दिल्ली के ये दो सेंटरों के पूरी तरह से तैयार होने के बाद नई दिल्ली में भी शंघाई,हांगकांग और सिंगापुर के तर्ज पर बड़े पैमाने पर वैश्विक प्रदर्शनी और सम्मेलन हुआ करेंगे। एशियाई देशों की अगर बात करें तो प्रदर्शनी सुविधाओं व आयोजन स्थल के मामले में चीन के अकेले की हिस्सेदारी 68 फीसदी पर है जो कि करीब 4.1 मिलियन स्क्वायर मीटर है जबकि भारत की हिस्सेदारी महज 0.3 मिलियन स्क्वायर मीटर है जो सिर्फ 4.9 फीसदी हिस्सेदारी है। इवेंट्स आयोजन के मामले में भी चीन से भारत काफी पीछे है। एशिया में चीन जहां 28 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ 515 से अधिक इवेंट आयोजन करता है जबकि भारत महज 7 फीसदी के साथ 131 इवेंट्स का आयोजन करता है।

कम इवेंट्स के आयोजन से भारत की रैंकिंग पिछडी

साल 2019 में जारी इंटरनेशनल कांग्रेस एंड कंवेन्शन एसोसिएशन रैंकिंग के मुताबिक भारत का स्थान 28 वां था। भारत में 158 बैठके आयोजन की गई थी। 475 शहरों में से दिल्ली की रैंकिंग 75 वां थी। अब उम्मीद की जा रही है कि दिल्ली की रैंकिंग में जल्द सुधार होकर शीर्ष 5 पर पहुंच जायेगी। डीपीआईआईटी सचिव ने कहा कि आईआईसीसी के दूसरे फेज के लिए निजी कंपनियोंं की भागीदारी के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द इसके लिए बिडिग की जायेगी। इसे चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जायेगा। शुरूआती चरण में होटल निर्माण से किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आईआईसीसी में 9 थ्री और फाइव स्टार होटल डेवलप किया जायेगा। इसके अलावा भी रिटेल स्पेस के लिए बिडिंग की जायेगी,जिसमें शॉपिंग मॉल भी शामिल है।

Related Articles

Back to top button