अमेजन पर लगा संगीन आरोप,कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की उठी मांग

हम सभी जानते है कि हर एक व्यवस्था और सुविधाओं के दो पहलू होते है अच्छा या बुरा। हाल ही में ऑनलाइन ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़न के जरिये गांजा बेचे जाने की खबर आई थी। व्यापारी संगठन कैट का मामना है कि ई पोर्टल पर गांजा बेचे जाने जैसे अपराध पहला नहीं है। इससे पहले 2019 में, पुलवामा आतंकी हमले में इस्तेमाल किए गए बम बनाने के लिए रसायन भी अमेज़ॅन के ई-कॉमर्स पोर्टल के जरिये खरीदे गए थे। आतंकी हमले में इस्तेमाल किए गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) तैयार के लिए सामग्री इसी ई पोर्टल से खरीदे थे। एनआईए ने पुलवामा मामले की जांच के दौरान मार्च, 2020 में अपनी रिपोर्ट में इस तथ्य का खुलासा किया, यह खबर मार्च, 2020 में मीडिया में व्यापक रूप से सामने आई। आतंकियों ने अन्य सामग्री के अलावा, भारत में प्रतिबंधित अमोनियम नाइट्रेट को भी अमेज़न ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से खरीदा था। गौरतलब है कि पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे !

एनआईए की जांच में हुआ था यह खुलासा

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि पब्लिक डोमेन में उपलब्ध अनेक रिपोर्टों के अनुसार, एनआईए द्वारा प्रारंभिक पूछताछ के दौरान, गिरफ्तार किये गए एक व्यक्ति ने खुलासा किया कि उसने बम बनाने के लिए जरूरी आईईडी, बैटरी और अन्य सामान बनाने के लिए रसायनों की खरीद अमेज़न ई कॉमर्स पोर्टल के जरिये ख़रीदे थे।फोरेंसिक जांच के माध्यम से यह साबित हो चुका है कि हमले में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट, नाइट्रो-ग्लिसरीन आदि थे ! ये विस्फोटक सामान अमेज़न के जरिये खरीदा गया था जो देश के जवानों के खिलाफ उपयोग किया गया। इन तथ्यों के आधार पर कैट ने मांग की है कि अमेज़न और उसके जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ देशद्रोह का मुक़दमा दर्ज़ करना चाहिए ! कैट का कहना है कि नीति निर्माताओं और अधिकारियों के ई कॉमर्स के प्रति अपनाये गए गैर जिम्मेदरान व्यवहार के कारण ही ई कॉमर्स पोर्टल चलाने वाली कंपनियां खुल कर अपनी मनमानी कर रही हैं और कोई उनको रोकने वाला नहीं है। ऐसे संगीन अपराध के बाद भी आश्चर्यजनक है की राष्ट्र रक्षा से जुड़े इस बेहद संगीन मामले को दबा दिया गया और इस पर आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई और प्रतिबंधित वस्तु बेचे जाने को लेकर अमेज़न को छोड़ दिया गया।

इस कानून के तहत इन विस्फोटक सामग्रियों को प्रतिबंधित किया गया है

साल 2011 में अमोनियम नाइट्रेट को प्रतिबंधित वस्तु घोषित किया गया था, जिसके लिए विस्फोटक अधिनियम, 1884 के तहत अमोनियम नाइट्रेट के खतरनाक ग्रेड को सूचीबद्ध करने और भारत में इसकी खुली बिक्री, खरीद और निर्माण पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक अधिसूचना जारी की गई थी। अमोनियम नाइट्रेट को उन बमों में मुख्य विस्फोटक पाया गया, जिनका इस्तेमाल व्यस्त और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में विस्फोटों को करने के लिए किया जाता था। मुंबई से पहले अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल 2006 में वाराणसी और मालेगांव में और 2008 में दिल्ली में हुए सीरियल ब्लास्ट में हुआ था।

जानते है आखिर क्या होता है अमोनियम नाइट्रेट

अमोनियम नाइट्रेट एक क्रिस्टल जैसा सफेद ठोस पदार्थ होता है जो बड़ीऔद्योगिक मात्रा में बनता है। इसका सबसे बड़ा उपयोग उर्वरक के लिए नाइट्रोजन के स्रोत के रूप में होता है, लेकिन इसका उपयोग खनन के लिए विस्फोटक बनाने के लिए भी किया जाता है। अगर आग उस तक पहुँचती है, तो रासायनिक प्रतिक्रिया बहुत अधिक तीव्र होगी। जब अमोनियम नाइट्रेट फटता है, तो यह नाइट्रोजन ऑक्साइड और अमोनिया जैसी जहरीली गैसों को छोड़ता है जिससे आस पास रहने वाले लोगों के जीवन को बड़ा खतरा रहता है।

कैट ने पीएम और गृहमंत्री से लगाई ये गुहार

कैट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में तत्काल सीधे हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। कैट ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से तत्काल ई-कॉमर्स नियम, ई-कॉमर्स नीति और एफडीआई नीति के प्रेस नोट नंबर 2 की जगह नया प्रेस नोट जारी करने का भी आग्रह किया है। ताकि तेजी से बढ़ती इस प्रवृति पर रोक लगे और ई कॉमर्स पोर्टल का कोई दुरूपयोग न कर सके। कैट ने केंद्र सरकार से बड़ी विदेशी एवं देसी ई-कॉमर्स कंपनियों के बिजनेस मॉडल की गहन जांच करने का आग्रह किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ई-कॉमर्स पोर्टल्स पर प्रतिबंधित वस्तुओं की बिक्री या राष्ट्र विरोधी गतिविधियां नहीं की जा सके। साथ ही इन मार्केटप्लेस की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। कैट ने यह भी मांग की है कि पोर्टल पर पंजीकृत होने वाले विक्रेताओं की सख्त केवाईसी की जाए और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग तकनीक का उपयोग कर केवल वही सेवाएं प्रदान करने की अनुमति दी जाए जो वैध हैं।

Related Articles

Back to top button