दिसंबर 2023 तक सभी राष्ट्रीय राजमार्ग होंगे गड्ढा मुक्त,सरकार बना रही है नीति-केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी

बीओटी मोड पर सरकार करने जा रही है काम

देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्ग बहुत जल्द गड्ढा रहित होंने वाली है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि दिसंबर 2023 तक देश में सभी राष्ट्रीय राजमार्ग गड्ढा मुक्त होंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा की इस बाबत वे व्यापक नीति बना रहे है ताकि 1.46 लाख किमी राष्ट्रीय राजमार्गो को गड्ढा मुक्त बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए वे यंग इंजीनियरों और डिप्लोमा धारकों की वे मदद लेंगे। उन्होंने कहा कि यंग इंजीनियरों को कॉन्ट्रेक्ट देकर जिम्मेदारी सौपेंगे ताकि कम लागत में राष्ट्रीय राजमार्गो को गड्ढा मुक्त बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि यंग इंजीनियरों या डिप्लोमा धारकों को काम के स्तर और रख रखाव के अनुसार ही भुगतान किया जाएगा। उन्होंने जानकारी दी कि जब वे महाराष्ट्र सरकार में मंत्री थे तब भी ये प्रयोग किया था जो काफी सफल रहा था था।

नालों की सफाई के लिए ली जायेगी रोबोट की मदद

प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि बारिश की वजह से राष्ट्रीय राजमार्गो पर गड्ढे हो जाते हैं और इस समस्या को दूर करने के लिए नई नीति लाई गई है। बारिश की वजह से राष्ट्रीय राजमार्गों के पास के नाले जाम हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि रोबोट की मदद से इन नालों की जांच व सफाई का काम किया जाएगा। राजमार्ग के अतिक्रमण को भी समाप्त किया जाएगा क्योंकि इस कारण कई बार दुर्घटनाएं हो जाती है। जल्द ही राष्ट्रीय राजमार्गों के सेफ्टी ऑडिट का काम आईआईटी व अन्य इंजीनियरिंग कालेज के छात्रों को दिया जाएगा। इससे सरकार का काम कम लागत में हो जाएगा और छात्रों को नौकरी भी मिलेगी।

राष्ट्रीय राजमार्गो के मैपिंग का काम पूरा

सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मंत्रालय ने 1,46,000 किलोमीटर की लंबाई वाले पूरे राष्ट्रीय राजमार्गों की मैपिंग कर ली है और इस साल दिसंबर तक गड्ढों को मुक्त करने के लिए अनुबंधों को मजबूत किया जा रहा है।

म्युनिसिपल वेस्ट का इस्तेमाल भी सड़क निर्माण में किया जा रहा है

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी दी कि देश भर के महानगरपालिकाओ और नगरपालिकाओं के ठोस कचरों और प्लास्टिक का इस्तेमाल सड़क निर्माण में किया जा सके इसके लिए एक अन्य नेशनल पॉलिसी बनाने पर काम चल रहा है। ठोस कचरों से प्लास्टिक,शीशा और एल्यूमीनियम को अलग कर इनका इस्तेमाल सड़क निर्माण में किया जायेगा। बाकि कचरों से बायो ईंधन का उत्पादन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ठोस कचरे से शीशा, प्लास्टिक को अलग करने के लिए नगर निगम को 40-50 लाख रुपए का प्लांट लगाना होगा। शहरी विकास मंत्रालय व अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर इस नीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है।उन्होंने बताया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे और अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेस वे के निर्माण में शहर के कचरे का इस्तेमाल किया गया। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे बनाने में दिल्ली शहर के 30 लाख टन कचरे का इस्तेमाल किया गया। इस कारण दिल्ली के गाजीपुर स्थित कचरे वाले पहाड़ की ऊंचाई सात मीटर कम हो गई। हालांकि गडकरी ने कहा कि दिल्ली गाजीपुर के कचरे के पहाड़ की समस्या का समाधान के लिए कोई टाइम फ्रेम नहीं है लेकिन वे प्रयासरत है।

 

 

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