पश्चिम बंगाल में दीवाली-छठ पर पटाखे छोड़ने व बेचने पर लगी रोक,सिर्फ ग्रीन पटाखों को हरी झंडी

ग्रीन पटाखों को भी छोड़ने की समय सीमा तय

रोशनी का त्यौहार दीवाली और आस्था का पर्व छठ पूजा में बड़ी संख्या में लोग पटाखे छोड़ते है। जिससे ना सिर्फ वायु प्रदूषण होता है बल्कि ध्वनि प्रदूषण भी चारो ओर फैल जाता है। मेडिकल साइंस का मानना है कि इससे आम जनता सहित जीव-जंतुओं को भी कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। देश के कई शहरों में वातावरण दमघोटू हो जाता है। इसी के मद्देनजर पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने फैसला लिया है कि पश्चिम बंगाल में सिर्फ ग्रीन पटाखे ही बेचे जायेंगे।

पश्चिम बंगाल में ग्रीन पटाखों को छोड़कर किसी भी तरह के पटाखों को छोड़ने और बेचने पर पाबंदी होगी

पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आदेश जारी कर कहा है कि अगले आदेश तक राज्य में ग्रीन पटाखों को छोड़कर किसी भी तरह के पटाखों को छोड़ने या बेचने पर पूरी तरह से पाबंदी होगी। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि कोलकाता और प्रदेश के जिलों में स्वच्छ वातावरण को बरकरार रखा जा सके। गौरतलब है कि कोलकाता और प्रदेश के जिलों में वायु की गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है। पारंपरिक पटाखों पर पाबंदी के पीछे यह भी तर्क दिया गया है कि कोविड पॉजिटिव मरीज या श्वसन रोग से पीड़ित मरीज को कम परेशानी होगी।

दीवाली पर सिर्फ 8 से 10 बजे रात तक ही ग्रीन पटाखे छोड़े जा सकेंगे

पीबीपीसीबी ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि दीवाली में लोग रात 8 से 10 बजे तक ही ग्रीन पटाखे छोड़ पायेंगे। वहीं छठ पूजा में सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक ही लोग पटाखे छोड़ सकते है। प्रदूषण बोर्ड ने क्रिसमस और नये साल के लिए भी पटाखे छोड़ने की समय सीमा तय कर दी है। अपने आदेश में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा कि क्रिसमस और नये साल पर रात 11.55 बजे से 12.30 बजे यानि सिर्फ 35 मिनटों तक ही ग्रीन पटाखे छोड़े जा सकते है।

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