भाजपा सांसद ने अपनी ही सरकार के मंत्री को लिखी चिट्ठी
अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग
ऑनलाईन कंपनियां अमेज़न और फ्लिपकार्ट के खिलाफ सीसीआई रिपोर्ट आने के बाद दिल्ली के चांदनी चौक से सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को चिट्ठी लिखी है। अपने पत्र में सांसद खंडेलवाल ने केंद्रीय मंत्री गोयल से अमेज़न और फ्लिपकार्ट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
सीसीआई की रिपोर्ट एक ऐतिहासिक मामला
लंबे समय से छोटे व्यापारियों की हितों के लिए मोर्चा संभाले बीजेपी सांसद और कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने सीसीआई की जांच रिपोर्ट को वैश्विक नियामक इतिहास में एक ऐतिहासिक मामला बताया है। रिपोर्ट में फ्लिपकार्ट और अमेज़न को खुलेआम प्रतिस्पर्धा-विरोधी कानूनों का उल्लंघन करते पाया गया है। खंडेलवाल ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को चिट्ठी लिखकर इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप और घरेलू खुदरा व्यापारियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई की मांग की है।
चिट्ठी में इन बातों का जिक्र
भाजपा सांसद खंडेलवाल ने केंद्रीय मंत्री से उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत ई-कॉमर्स नियमों को तुरंत लागू करने और एक व्यापक ई-कॉमर्स नीति की शुरूआत की मांग की है। उन्होंने सीसीआई रिपोर्ट में जिक्र आए ब्रांडों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई और अमेज़न, फ्लिपकार्ट और उनके साथ मिलीभगत करने वाले ब्रांडों के व्यापार को निलंबित करने की भी मांग की है। उन्होंने सीसीआई को सभी अपराधियों के खिलाफ कानून के तहत तत्काल कार्रवाई करने का भी निर्देश देने का अनुरोध किया है। खंडेलवाल ने अमेजन और फ़्लिपकर्ट के आगामी “त्योहारी बिक्री” कार्यक्रमों को भी निलंबित करने का आग्रह किया है। खंडेलवाल का तर्क है कि इससे घरेलू व्यापारियों को प्रतिस्पर्धा-विरोधी तरीकों के उपयोग से और अधिक नुकसान होगा।
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अमेज़न और फ्लिपकार्ट के खिलाफ सीसीआई रिपोर्ट में ये गंभीर आरोप लगे है
खंडेलवाल ने कहा कि सीसीआई की रिपोर्ट में फ्लिपकार्ट इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड (प्लेटफ़ॉर्म ऑपरेटर), फ्लिपकार्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (थोक इकाई), इंस्टाकार्ट प्राइवेट लिमिटेड (लॉजिस्टिक्स इकाई), 31 विक्रेताओं और शाओमी, सैमसंग, रियलमी, मोटोरोला और वीवो सहित छह मोबाइल निर्माताओं को प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन करने के लिए दोषी पाया गया है। इस रिपोर्ट में वॉलमार्ट की फ्लिपकार्ट में हिस्सेदारी और इसके कारण भारतीय खुदरा बाजार में प्राप्त प्रभुत्व की भी जांच की गई, जिससे यह भी साफ हुआ कि कैसे उनकी व्यावसायिक रणनीतियों ने भारत की एफडीआई नीति को दरकिनार किया।इसी तरह, सीसीआई के निष्कर्षों ने अमेज़न सेलर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (प्लेटफ़ॉर्म इकाई), अमेज़न होलसेल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (थोक इकाई), और उनके प्रॉक्सी विक्रेता क्लाउडटेल और एपारियो को भी दोषी पाया है। शाओमी, सैमसंग और वनप्लस जैसे मोबाइल निर्माताओं को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। एफडीआई नीति के उल्लंघन के साथ ही अमेज़न के बाजार प्रभुत्व को लेकर गंभीर सवाल उठे हैं।
इन ई-कॉमर्स कंपनियों ने छोटे व्यापारियों के हितो को नुकसान पहुंचाया
भाजपा सांसद ने कहा कि दोनों ई-कॉमर्स कंपनियां कुछ पसंदीदा विक्रेताओं के साथ गठजोड़ करते हैं, जिससे अन्य विक्रेताओं को नुकसान होता है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ये प्लेटफ़ॉर्म्स आज गैर-तटस्थ बाज़ार बन गए हैं, जो चुनिंदा विक्रेताओं का पक्ष लेते हैं, और लाखों अन्य विक्रेताओं को नुकसान पहुँचाते हैं। उन्होंने कहा कि इन कंपनियों ने शाओमी, रियलमी, सैमसंग, मोटोरोला, वीवो और वनप्लस जैसे वैश्विक ब्रांडों के साथ खास गठबंधन करते है, जिससे कई विक्रेता इन उत्पादों को बेचने से वंचित रह जाते हैं और प्रतिस्पर्धा घटती है। पसंदीदा विक्रेताओं को अधिक प्रमुखता से प्रचार प्रसार किया जाता है, जिससे उन्हें अन्य विक्रेताओं की तुलना में अनुचित लाभ मिलता है।
भारी छूट ऑफर से छोटे व्यापारियों के हितो को नुकसान
कैट राष्ट्रीय महासचिव ने आरोप लगाया कि विदेशी वित्त पोषण के कारण फ्लिपकार्ट और अमेज़न भारी छूट पर उत्पादों की पेशकश करते है। जिससे छोटे विक्रेताओं को नुकसान हो रहा है और बाजार में उनका एकाधिकार(Monopoly) स्थापित हो रहा है। इन रणनीतियों का उद्देश्य प्रतिस्पर्धा को खत्म करना है, जिससे अंततः उपभोक्ताओं के पास कम विकल्प रहेंगे और लंबे समय में कीमतें बढ़ेंगी।