सिनेमैटोग्राफ संशोधन विधेयक 2023 संसद से पास,फिल्म पाइरेसी पर लगेगी लगाम

सिनेमैटोग्राफ संशोधन विधेयक 2023 लोकसभा से भी पास हो गया। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर आज लोकसभा में इस बिल को लोकसभा में पेश किया। यह बिल पहले ही राज्यसभा से पास हो चुका है। राष्ट्रपति के अनुमोदन मिलने के बाद ये संशोधन प्रभाव में आ जाएगा। इसके जरिए सरकार पाइरेसी पर लगाम लगा सकेगी। राष्ट्रपति से अनुमोदन मिलते ही इस संशोधित कानून के तहत पाइरेसी पर तीन साल तक की सजा मिलेगी।साथ ही भारी भरकम जुर्माना भी चुकाना होगा।

फिल्म लागत का 5 फीसदी देना होगा जुर्माना

सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1952 में जो संशोधन किया गया उसके अनुसार यदि कोई पाइरेसी करते हुए पकड़ा गया उसे 3 महीने से तीन साल तक जेल की सजा तो मिल ही सकती है। साथ ही 3 लाख और फिल्म की लागत का पांच फीसदी के बीच का जुर्माना लगेगा। इसे ऐसे समझते है। माना कि किसी फिल्म को बनाने की लागत यदि 100 करोड़ रुपए है तो पांच करोड़ रुपए तक का जुर्माना लग सकता है। राज्यसभा में बिल पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया था कि पाइरेसी के कारण फिल्म इंडस्ट्री को सलाना 20 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।

नए तरीके से मिलेगा सेंसर बोर्ड सर्टिफिकेट

सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1952 में संशोधित प्रावधानों के मुताबिक सेंसर बोर्ड द्वारा दिए जाने वाले सर्टिफिकेट की कैटेगरी में भी आमूल-चूल बदलाव होगा। इस एक्ट के तहत नई कैटेगरी  जैसे  UA 7+, UA 13+ और UA 16+  को शामिल किया गया है। इनके जरिए सात साल, 13 साल, 16 साल के दर्शक वर्गों के लिए अलग-अलग सर्टिफिकेशन दिया गया है।अभी तक केवल तीन कैटेगरी थी। मसलन U यानी यूनिवर्सल, इसमें हर उम्र के लोग फिल्म को देख सकते हैं। टेलीविज़न और दूसरे मीडिया के लिए अलग सर्टिफिकेट की मंजूरी देने का भी अधिकार बोर्ड के पास होगा।

 

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