कांग्रेस को सत्ता या प्रधानमंत्री पद में कोई दिलचस्पी नहीं है-कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खरगे
लोकसभा चुनाव 2024 स्पष्ट रुप से दो पक्षों बीच होगा। एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की पार्टियां होगी वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी राजनीतिक दल होंगे। गौरतलब है कि बंगलुरू में कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों के नेता अपनी एकजुटता की ताकत दिखाने के लिए जुटे हैं। बैठक में सोनिया गांधी,मल्लिकार्जुन खरगे,राहुल गांधी,लालू यादव, अरविंद केजरीवाल सहित तमाम विपक्षी दलों के नेता मौजूद थे। विपक्ष की इस मीटिंग में कांग्रेस चीफ मल्लिकाजुर्न खरगे ने बड़ी बात कही है। खरगे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी 2024 में प्रधानमंत्री पद की रेस में शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विपक्ष की मीटिंग में शामिल हो रही है लेकिन प्रधानमंत्री की रेस में नहीं है। कांग्रेस को सत्ता या प्रधानमंत्री पद में कोई दिलचस्पी नहीं है। कांग्रेस प्रमुख ने बैठक में कहा कि विपक्षी राजनीतिक दलों के बीच कुछ मतभेद हो सकते है,लेकिन वैचारिक भेद नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जो जनता विरोधी नीतियां बनाई है उससे आम जनता को बचाने के लिए हम एक जुट हो सकते है। प्रधानमंत्री का उम्मीदवार कौन होगा ये बड़ा प्रश्न नहीं है जीतने के बाद आपसी सहयोग से तय करेंगे,लेकिन फिलहाल विघटनकारी ताकतों से एकजुट होकर लड़ने की जरूरत है। सूत्रों की माने तो बैठक में खरगे ने कहा कि आम आदमी और मध्यम वर्ग महंगाई की मार से परेशान है।देश का युवा बेरोजगारी का सामना कर रहा है। गरीब,दलितों,आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को गुपचुप तरीके से दबाया या खत्म किया जा रहा है। खरगे ने आगे कहा कि बैठक में 26 राजनीतिक दलों के नेता हिस्सेदारी लिए,यहां तक कि 11 राज्यों में इन राजनीतिक दलों की सरकारें हैं। उन्होंने कहा कि हमारी एकजुटता की वजह से ही भाजपा आनन-फान में एनडीए की बैठक बुला रही हैं। 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अकेले अपने दम पर 303 सीटें नहीं लायी थी,इसके लिए कई राजनीतिक दलों के साथ सहयोग लिया था,लेकिन बाद में उन्हें दरकिनार कर दिया। अब भाजपा के नेता राज्य दर राज्य जाकर अपने पुराने सहयोगियों को साधने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा ने सीबीआई,ईडी और इंकम टैक्स जैसे संस्थानों का विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ एक हथियार के रुप में इस्तेमाल किया। झूठे आरोप लगाकर केस बनाया गया। कंस्टीस्ट्यूशनल अथॉरिटी का इस्तेमाल सांसदों की सांसदी और विधायकों की विधायकी छिनने में किया गया। गौरतलब है कि दो दिनों तक चलने वाली इस बैठक का आज आखिरी दिन है। माना जा रहा कि इस बैठक में विपक्षी दल गठबंधन का कोई नया नाम दे सकते है और भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए के खिलाफ रणनीति तैयार कर सकते है। खबर आ रही है कि विपक्षी दलों की अगली बैठक मुंबई में होगी जबकि इसकी पहली बैठक पटना में हुई थी।