कर्जदारों के लिए खुशखबरी,PNB,BoB और UCO बैंक ने घटाई ब्याज दर

RBI ने रेपो दर में 0.50 प्रतिशत और सीआरआर में 1 प्रतिशत की कटौती की है।

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) द्वारा पिछले सप्ताह रेपो दर में 50 बेसिस प्वाइंट (bps) की कटौती के बाद कई सरकारी और निजी बैंकों ने अपने उधार दरों में कमी की है। यह कदम उधारकर्ताओं को राहत देने और नीति दरों का तुरंत पास करने को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने अपनी रेपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) को 8.85% से घटाकर 8.35% कर दिया है, जो 9 जून से प्रभावी होगी। हालांकि बैंक की मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) ने भी अपने RLLR में 50 bps की कटौती की है, जो 7 जून 2025 से प्रभावी हो गई है। अब यह दर 8.15% होगी।

बैंक ऑफ इंडिया (BoI) ने 6 जून से प्रभावी अपनी रेपो आधारित दर को 50 bps घटाकर 8.35% कर दिया है।

यूको बैंक (UCO Bank) ने MCLR दरों में सभी अवधियों के लिए 10 bps की कटौती की है, जो 10 जून से लागू होगी। नई दरें इस प्रकार हैं:

ओवरनाइट MCLR: 8.25% से घटाकर 8.15%

एक महीने की अवधि: 8.45% से घटाकर 8.35%

तीन महीने की अवधि: 8.6% से घटाकर 8.5%

छह महीने की अवधि: 8.9% से घटाकर 8.8%

एक साल की अवधि: 9.1% से घटाकर 9.0%

इसके अलावा, यूको बैंक की रेपो लिंक्ड दर ‘UCO फ्लोट’ को 50 bps घटाकर 8.30% कर दिया गया है, जो 9 जून से प्रभावी होगी।

करूर वैश्य बैंक (Karur Vysya Bank), एक निजी क्षेत्र का बैंक, ने एक साल के लिए अपनी MCLR दर में 20 bps की कटौती कर 9.8% कर दी है, जबकि छह महीने की अवधि के लिए 10 bps की कटौती की गई है। अन्य अवधियों के लिए दरें यथावत हैं। नई दरें 7 जून से प्रभावी हो गई हैं।

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आरबीआई की MPC ने पिछले सप्ताह रेपो दर को 50 bps घटाकर 5.5% कर दिया, जबकि बाजार केवल 25 bps की कटौती की उम्मीद कर रहा था। यह कदम कर्ज की लागत को जल्द कम करने और मांग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।

इसके साथ ही आरबीआई ने कैश रिज़र्व रेशियो (CRR) में क्रमिक रूप से 100 bps की कटौती की घोषणा की, जिससे यह बैंकों की नेट डिमांड और टाइम लाइबिलिटी के 3% पर आ गया है—जो सामान्य समय में एक असाधारण कदम माना जा रहा है। साथ ही, मौद्रिक नीति का रुख ‘उदार’ से बदलकर ‘तटस्थ’ कर दिया गया है, जिससे आगे दरों में और कटौती की संभावना सीमित हो गई है।

अब तक 2025 में MPC कुल 100 bps की कटौती कर चुकी है—फरवरी में 25 bps, अप्रैल में 25 bps, और जून में 50 bps की कटौती शामिल है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) बैंकों को दिए जाने वाले कर्ज की दर यानी रेपो रेट में 6 जून को 0.50% की कटौती की है। अब रेपो रेट 5.50% रह गया है। इससे बैंकों को RBI से कम ब्याज पर कर्ज मिलेगा। ब्याज में इस कटौती को बैंक अपने ग्राहकों को ट्रांसफर करते हैं, तो आने वाले दिनों में लोन सस्ते हो सकते हैं। लोन सस्ते होने पर लोगों की मौजूदा EMI भी घट जाएगी।

CRR घटने से ₹2.5 लाख करोड़ फाइनेंशियल सिस्टम में आएंगे

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने कहा कि कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में 1% की कटौती करके इसे 4.00% से घटाकर 3.00% करने का फ़ैसला किया है। उन्होंने कहा कि RBI के इस कदम से ₹2.5 लाख करोड़ फाइनेंशियल सिस्टम में आएंगे।

CRR वो पैसा है जो बैंकों को अपने कुल जमा का एक हिस्सा रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) के पास रखना होता है। इससे RBI ये कंट्रोल करता है कि बाजार में कितना पैसा रहेगा। अगर CRR कम होता है, तो बैंकों के पास लोन देने के लिए ज्यादा पैसा बचता है, जैसे इस बार 1% की कटौती से ₹2.5 लाख करोड़ रुपए सिस्टम में आएंगे।

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