चुनावी मौसम में प्याज की बढ़ती कीमतों के बढ़ने पर हरकत में आई सरकार, महंगा किया प्याज का निर्यात

चुनावी मौसम में प्याज की बढ़ती कीमतों ने केंद्र सरकारी की मुश्किलें बढ़ा दी है. ऐसे में सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए प्याज के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) तय करने का फैसला किया है. न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को 31 दिसंबर, 2023 तक 800 डॉलर प्रति टन का कर दिया गया है.

ये फैसला 29 अक्टूबर, 2023 यानि आज से प्रभावी होगा. डीजीएफटी ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा कि, विदेश निर्यात किए जाने वाले मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस 31 दिसंबर, 2023 तक 800 डॉलर प्रति टन किया जाता है. प्याज के लिए 800 डॉलर प्रति टन एमईपी लगभग 67 रुपये प्रति किलो के भाव के बराबर होता है.

रिटेल मार्केट में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार ने बफर स्टॉक के लिए अतिरिक्त 2 लाख टन प्याज की खरीद करने की भी घोषणा की है, जो पहले से खरीदे जा चुके 5 लाख टन से अतिरिक्त होगा. सरकार ने बयान जारी कर कहा
इस कदम से घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सस्ती कीमतों पर प्याज की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने में मदद मिलेगी क्योंकि रबी 2023 के लिए भंडारित प्याज की मात्रा में गिरावट आ रही है.

अगस्त के दूसरे सप्ताह से देशभर के प्रमुख उपभोग केंद्रों में बफर स्टॉक से प्याज को लगातार निकाला गया है, और एनसीसीएफ और नेफेड द्वारा संचालित मोबाइल वैन के माध्यम से खुदरा उपभोक्ताओं को 25 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से आपूर्ति भी की गई है. बयान में कहा गया है, ‘‘अब तक बफर स्टॉक से लगभग 1.70 लाख टन प्याज बेचा जा जा चुका है. उपभोक्ताओं के लिए कीमतों को नियंत्रित करने और प्याज किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए बफर स्टॉक से प्याज की निरंतर खरीद और निपटान किया जाता है. सप्लाई में कमी के चलते दिल्ली एनसीआर में खुदरा बाजार में प्याज की कीमतें बढ़कर 65-80 रुपये प्रति किलो तक जा पहुंची है.

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में लगभग 400 सफल खुदरा स्टोर वाली मदर डेयरी 67 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खुला प्याज बेच रही है. वहीं ई-कॉमर्स पोर्टल बिगबास्केट पर यह 67 रुपये प्रति किलो और ओटिपी पर 70 रुपये प्रति किलो की दर पर मिल रहा है. रिटेल मार्केट में प्याज 80 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है.

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