हरियाणा विधानसभा चुनाव: भाजपा बहुमत की ओर,4 जीते 43 सीटों पर आगे

कांग्रेस की हार की ये कारण संभव

5 अक्टूबर को हरियाणा विधानसभा चुनाव खत्म होते ही विभिन्न एजेंसियों और टीवी चैनलों में कांग्रेस को बहुमत का रुझान जोर शोर से दिखाने लगे थे। हरियाणा के साथ-साथ पूरे देश को लगने लगा था कि भाजपा की सरकार अब जाने वाली है। लेकिन आज आ रहे चुनावी परिणामों में मामला ठीक उल्टा पड़ गया। खबर लिखे जाने तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस(INC) 8 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है वहीं 29 सीटों पर आगे चल रही हैं। जबकि भारतीय जनता पार्टी 4 सीटे जीत चुकी है और 43 सीटों पर आगे चल रही हैं। जबकि इंडियन नेशनल लोकदल 2 सीटों पर और बहुजन समाज पार्टी 1 सीटों पर आगे चल रही हैं। 90 विधानसभा सीटों वाली हरियाणा चुनाव में 3 निर्दलीय भी अपनी अपनी सीटों से आगे चल रहे हैं।

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कांग्रेस के हार के ये कारण संभव

कुछ जानकारों का कहना है कि हरियाणा में कांग्रेस को कांग्रेस ने ही हरा दिया। अशोक तंवर का अंतिम दिनों या क्षणों में पार्टी में आने का नाटक भी कांग्रेस(INC) को नुकसान पहुंचाने का कारण है। इसके अलावा चुनावी समय में कुमारी शैलजा का सोनिया गांधी से मिलना भी एक दूसरे को हराने में काम आया। बिना चुनाव जीते पार्टी के कई नेता मुख्यमंत्री पद के दावेदारी को लेकर सार्वजनिक तौर पर शोर मचाने लगे। इसके अलावा जानकारों का मानना है कि टिकटों के बंटवारे में भी खेमेबाजी देखने को मिला। छोटे दलों से तालमेल न बिठा पाने का घमंड भी कांग्रेस(INC) की हार का कारण है। उन्होंने कहा कि यू-ट्यूब पत्रकारिता को आंख बंद कर सही मान लेना भी कहीं न कहीं पार्टी को बड़ा नुकसान कर गया। पार्टी को लगने लगा कि हरियाणा में कांंग्रेस की आंधी नहीं बल्कि सुनामी चल रही है। लिहाजा कांग्रेस के फैसले प्रभावित होने लगे। कांग्रेस पार्टी का जाट वोटों पर अधिक निर्भरता होने से गैर जाट वोटरों को कांग्रेस के खिलाफ लामबंदी करने का काम किया। यह साइलेंट वोट सीधे तौर पर भाजपा को फायदा पहुंचा गया।

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