महंगाई – असमान बारिश से ग्रामीण क्षेत्रों में घटी FMCG कंपनियों की सेल्स, छोटी लोकल कंपनियों से मिल रही बड़ी चुनौती

FMCG Sales Data: इस मानसून के सीजन में असमान बारिश के चलते कमरतोड़ महंगाई खामियाजा देश की दिग्गज एफएमसीजी कंपनियों को उठाना पड़ा है. आसमान छूती महंगाई और असमान बारिश के चलते ग्रामीण इलाकों में डिमांड में भारी कमी देखने को मिली है जिसके चलते मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही जुलाई से सितंबर के दौरान एफएमसीजी कंपनियों के रोजमर्रा के उपभोग वाले चीजों की मांग और खफत में कमी आई है.

जुलाई से सितंबर तिमाही में खपत डिमांड के घटने से एफएमसीजी इंडस्ट्री के लिए मौजूदा माहौल कठिन बना हुआ है क्योंकि ग्रामीण इलाकों में डिमांड में सुस्ती देखी जा रही है. इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल से जून के दौरान बेहतर संकेत नजर आ रहे थे जो असमान बारिश और महंगाई में उछाल के बाद बदल गए. हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी और नेस्ले जैसे प्रमुख एफएमसीजी कंपनियों ने दूसरी तिमाही में असमान बारिश, फसल उत्पादन के प्रभाव तथा कुछ वस्तुओं जैसे गेहूं, मैदा, चीनी, आलू, कॉफी, की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता जाहिर की है.

तिमाही नतीजों जारी करने पर आईटीसी ने अपने बयान में कहा, ‘ सामान्य से कम मानसून और खाद्य महंगाई के कारण ग्रामीण इसाकों में उपभोग की मांग अपेक्षाकृत कम रही है.’ जानकारों के मुताबिक महंगाई ने ग्रामीण मांग को प्रभावित किया है. एफएमसीजी कंपनियों के सेल्स में एक-तिहाई से अधिक का योगदान ग्रामीण इलाकों को है. नेस्ले इंडिया ने भी देश के कई हिस्सों में बारिश की कमी के कारण मूल्य निर्धारण पर प्रतिकूल प्रभाव के संकेत दिए.

वहीं शहरी इलाकों में ई-कॉमर्स के चलते शहरी के चलते एफएमसीजी इंडस्ट्री ने अच्छा ग्रोथ दिखाया है. एफएमसीजी निर्माताओं के लिए ई-कॉमर्स का प्रदर्शन लगातार बेहतर बना हुआ है. एफएमसीजी कंपनियों को अभ छोटी क्षेत्रीय और स्थानीय कंपनियों से भी बड़ी चुनौती मिल रही है. चाय तथा डिटर्जेंट जैसे प्रोडक्ट्स के बड़े बाजारों में छोटी स्थानीय कंपनियां अपनी पहुंच बढ़ा रही है. एचयूएल ने दूसरी तिमाही में स्थानीय कंपनियों की बढ़ती प्रतिस्पर्धा और ग्रामीण बाजार में गिरावट के कारण बड़े पैमाने पर बाजार हिस्सेदारी में कमी दर्ज की है.

एचयूएल के सीईओ रोहित जावा ने कहा कि कमोडिटी की कीमतों में नरमी के बाद उत्पादन लागत में कमी के साथ बाजार में स्थानीय कंपनियों की संख्या में वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि चाय क्षेत्र में छोटी कंपनियों का बाजार मूल्य बड़ी कपंनियों की तुलना में 1.4 गुना बढ़ गया है. इसी तरह डिटर्जेंट क्षेत्र में छोटी कंपनियों का बाजार मूल्य बड़ी कंपनियों की तुलना में छह गुना बढ़ गया है. सितंबर तिमाही में लक्स, रिन, पॉन्ड्स, डव और लाइफबॉय जैसे ब्रांड की सेल्स ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले दो साल की तुलना में एक फीसदी कम रही है. जबकि शहरी क्षेत्रों में सेल्स 3 फीसदी बढ़ी है.

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