आईएनए दिल्ली हाट में ‘खादी महोत्सव’(Khadi Mahotsav) का आयोजन
31 अक्टूबर तक खादी महोत्सव प्रदर्शनी का आयोजन होगा। देश के विभिन्न राज्यों के खादी संस्थानों और ग्रामोद्योगी इकाइयों के 157 स्टॉल लगाए गए हैं।
देश के खादी ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र की मोदी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित आईएनए दिल्ली हाट में खादी महोत्सव(Khadi Mahotsav) प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) मंत्री जीतन राम मांझी ने विशेष खादी प्रदर्शनी(Khadi Mahotsav) का शुक्रवार को उद्घाटन किया। इस मौके पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष मनोज कुमार भी उपस्थित रहे। उपस्थिति में आई.एन.ए. दिल्ली हाट में आयोजित विशेष खादी प्रदर्शनी का शुक्रवार को शुभारंभ किया। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को बढ़ावा देना और खादी कारीगरों की आय को बढ़ाना है।राज्य कार्यालय, खादी और ग्रामोद्योग आयोग, नई दिल्ली द्वारा इस विशेष खादी प्रदर्शनी(Khadi Mahotsav) का 31 अक्टूबर तक आयोजन किया जा रहा है।
प्रदर्शनी में ये राज्य ले रहे हैं हिस्सा
इस प्रदर्शनी में दिल्ली, राजस्थान, बिहार, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, मध्य प्रदेश, बंगाल, हरियाणा, जम्मू सहित देश के विभिन्न राज्यों से 55 खादी संस्थानों और 102 ग्रामोद्योग इकाइयों के 157 स्टॉल लगाए गए हैं। जहां खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की एक बड़ी श्रृंखला प्रदर्शित की जा रही है। प्रदर्शनी में विभिन्न प्रकार की साड़ियाँ, रेडीमेड वस्त्र, हस्तशिल्प वस्तुएँ, हर्बल और आयुर्वेदिक उत्पाद, चमड़े के सामान, हस्तनिर्मित कागज उत्पाद, अचार, मसाले, साबुन, शैंपू, शहद इत्यादि बिक्री हेतु अलग-अलग स्टॉलों में प्रदर्शित किये जा रहे हैं। प्रदर्शनी में भाग लेने वाले कारीगर और शिल्पकार खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की अपनी विविध श्रृंखला का सजीव प्रदर्शन भी कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने लोगों से लोकल उत्पाद अधिक लेने की अपील की
उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री एमएसएमई जीतन राम मांझी ने सभी देशवासियों से खादी व लोकल उत्पादों को अधिक से अधिक खरीदने की अपील की। इस अवसर पर उन्होंने दिल्लीवासियों से विशेष आग्रह किया कि वे त्योहारों की खरीदारी के लिए इस खादी प्रदर्शनी में जरुर आये। दिल्लीवासी स्वदेशी खादी उत्पादों की खरीदारी कर प्रधानमंत्री जी के दृष्टिकोण के अनुरूप ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान का हिस्सा बनें। उन्होंने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की इस प्रदर्शनी का व्यापक लक्ष्य ग्रामीण कारीगरों और पारंपरिक शिल्पकारों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है, जिससे उन्हें सशक्त बनाया जा सके। साथ ही उन्होंने कहा कि स्वदेशी शिल्प कौशल की जीवंत विरासत को संरक्षित करने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी ने देश के कलाकारों को उनकी कला को प्रदर्शित करने के लिए बेहतरीन मंच प्रदान किया है। खादी और ग्रामोद्योग का कारोबार पिछले वित्त वर्ष में 1 लाख 55 हजार करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। इसका सीधा लाभ देश के खादी कारीगरों को मिला है।