लगातार 10 वीं बार रेपो दर(Repo Rate) 6.5% में बदलाव नहीं
त्यौहारी सीजन में कर्जधारकों या उधारकर्ता को बड़ा झटका लगा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार 10वीं बार ब्याज दरों(Repo Rate) में बदलाव नहीं किया है। आरबीआई ने ब्याज दर(Repo Rate) को 6.5% पर अपरिवर्तित रखा है। यानी लोन ना ही सस्ता होगा और ना ही लोन पर आपकी प्रीमियम कम होगी। हालांकि आरबीआई के इस फैसले से लोन महंगे भी नहीं होंगे और ना ही आपकी इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट (EMI) नहीं बढ़ेगी। गौरतलब है कि RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में दरें 0.25% बढ़ाकर 6.5% की थीं। तब से यह जस की तस बनी हुई हैं।
महंगाई 4 प्रतिशत तक लाने का प्रयास जारी
एमपीसी के फैसलों की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई लक्ष्य एक बड़ा स्ट्रक्चरल रिफॉर्म है। गवर्नर ने कहा कि वैश्विक उतार-चढ़ाव के बावजूद मौद्रिक नीति महंगाई को नियंत्रण में रखने और अर्थव्यवस्था को गति देने में सफल रही है। महंगाई को 4 फीसदी पर लाने का प्रयास जारी है। हालांकि वैश्विक भूराजनैतिक(ग्लोबल जियो-पॉलिटिकल) तनाव से वैश्विक विकास पर असर पड़ सकता है। जियो पॉलिटिकल से महंगाई बढ़ने का खतरा है।
जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.2 फीसदी बरकरार
शक्तिकांत दास ने वित्त वर्ष 2025 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.2 फीसदी पर बरकरार रखा है। हालांकि तीसरी और चौथी तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ाया है। वहीं दूसरी तिमाही के लिए ग्रोथ का अनुमान 7.2 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी किया गया है।
अवधि पहले(% में) अब(% में)
पहली तिमाही 7.2 7.3
दूसरी तिमाही 7.2 7
तीसरी तिमाही 7.3 7.4
चौथी तिमाही 7.2 7.4
एमपीसी के 6 में से 5 सदस्य अपरिवर्तन के पक्ष में
7 अक्टूबर से चल रही मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 9 अक्टूबर यानी बुधवार को दी।आरबीआई गवर्नर ने कहा कि एमपीसी के 6 में से 5 सदस्यों ने ब्याज दरों(Repo Rate) में बदलाव के पक्ष में नहीं थे। ये मीटिंग हर दो महीने में होती है। RBI ने इससे पहले अगस्त में हुई बैठक में ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया था।
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2020 से रिजर्व बैंक ने 5 बार में 1.10% ब्याज दरें बढ़ाईं
RBI ने कोरोना के दौरान (27 मार्च 2020 से 9 अक्टूबर 2020) दो बार ब्याज दरों में 0.40% की कटौती की। इसके बाद अगली 10 बैठकों में केंद्रीय बैंक ने 5 बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की, चार बार कोई बदलाव नहीं किया और एक बार अगस्त 2022 में 0.50% की कटौती की।आपको बता दे कि कोविड से पहले 6 फरवरी 2020 को रेपो रेट 5.15% पर था।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.5% की कटौती की
इससे पहले 18 सितंबर को अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.5% की कटौती की थी। चार साल बाद की गई इस कटौती के बाद ब्याज दरें 4.75% से 5.25% के बीच हो गईं। अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी है, ऐसे में इसके सेंट्रल बैंक के हर बड़े फैसले का असर दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ता है।
थोक और खुदरा महंगाई दर के आंकड़ें
1. अगस्त में रिटेल महंगाई 5.08% रही थी
12 सितंबर को जारी रिटेल महंगाई के आकंडों के अनुसार अगस्त महीने में रिटेल महंगाई बढ़कर 3.65% हो गई थी। जुलाई महीने में ये 3.54% पर थी। सब्जियों के महंगे होने से अगस्त महीने में रिटेल महंगाई बढ़ी थी। RBI की महंगाई को लेकर रेंज 2%-6% है।
2. जून में थोक महंगाई 3.36% रही थी
जून में थोक महंगाई 16 महीनों के ऊपरी स्तर पर पहुंच गई थी। 15 जुलाई को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, जून में थोक महंगाई बढ़कर 3.36% रही। फरवरी 2023 में थोक महंगाई दर 3.85% रही थी। खाद्य महंगाई मई के मुकाबले 7.40% से बढ़कर 8.68% हो गई। रोजाना की जरूरत वाला सामान सस्ता होने से अगस्त महीने में थोक महंगाई घटकर 1.31% पर आ गई थी। ये इसके 4 महीने का निचला स्तर था। अप्रैल में ये 1.26% पर थी। वहीं एक महीने पहले जुलाई में थोक महंगाई घटकर 2.04% पर आ गई थी।