बुलडोजर का भी इस्तेमाल अब सुप्रीम कोर्ट के आने वाले निर्णय के मुताबिक ही होना चाहिए-मायावती,बसपा सुप्रीमो

राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने भी दी थी बुलडोजर विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया

आरोपियों के घरों,दफ्तरों या संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बसपा सुप्रीमों मायावती ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। अपने सोशल मीडिया एकाउन्ट X पर मायावती ने लिखा कि देश में आपराधिक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई कानून के तहत् होनी चाहिए तथा इनके अपराध की सजा उनके परिवार व नजदीकी लोगों को नहीं मिलनी चाहिए। यह सब हमारी पार्टी की रही सरकार ने ’क़ानून द्वारा क़ानून का राज’ (Rule of Law By Law) स्थापित करके भी दिखाया है। मायावती ने लिखा कि बुलडोजर का भी इस्तेमाल अब मा. सुप्रीम कोर्ट के आने वाले निर्णय के मुताबिक ही होना चाहिए। हालाँकि उचित तो यही होगा कि इसका इस्तेमाल करने की जरूरत ही ना पड़े क्योंकि आपराधिक तत्वों को सख्त कानूनों के तहत् भी निपटा जा सकता है। जबकि आपराधिक तत्वों के परिवार व नजदीकियों पर बुलडोजर का इस्तेमाल करने की बजाय सम्बन्धित अधिकारियों पर ही कठोर कार्यवाही होनी चाहिये, जो ऐसे तत्वों से मिलकर, पीड़ितों को सही न्याय नहीं देते हैं। सभी सरकारें इस ओर जरूर ध्यान दें।
अखिलेश यादव ने भी पहले दी है प्रतिक्रिया
अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लिखा कि अन्याय के बुलडोजर से बड़ा होता है न्याय का तराजू का बुलडोजर चल गया। सुप्रीम कोर्ट से निर्देश आने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि यह संविधान के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का जिक्र करते हुए सपा मुखिया ने कहा कि मैं सभी को बधाई देता हूं कि न्याय का बुलडोजर चल गया।
राहुल गांधी ने भी मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व सांसद राहुल गांधी ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने लिखा था कि भाजपा की असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण ‘बुलडोज़र नीति’ पर सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी स्वागत योग्य है। उन्होंने लिखा कि बुलडोज़र के नीचे मानवता और इंसाफ को कुचलने वाली भाजपा का संविधान विरोधी चेहरा अब देश के सामने बेनक़ाब हो चुका है। बेलगाम सत्ता का प्रतीक बन चुके बुलडोज़र ने नागरिक अधिकारों को कुचल कर कानून को निरंतर अहंकार भरी चुनौती दी है।

‘त्वरित न्याय’ की आड़ में ‘भय का राज’ स्थापित करने की मंशा से चलाए जा रहे बुलडोज़र के पहियों के नीचे अक्सर बहुजानों और गरीबों की ही घर-गृहस्थी आती है। हम अपेक्षा करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस अति संवेदनशील विषय पर स्पष्ट दिशा निर्देश जारी कर भाजपा सरकारों के इस लोकतंत्र विरोधी अभियान से नागरिकों की रक्षा करेगा। साथ ही उन्होंने लिखा कि देश बाबा साहब के संविधान से चलेगा, सत्ता की चाबुक से नहीं।

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