प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी ने लांच किया विश्वकर्मा योजना,3 लाख लोन के साथ मिलेगा स्किल डेवलपमेंट
विश्वकर्मा पूजा पर पीएम मोदी ने दी देश के लाखों पारंपरिक कारीगरों और हस्तशिल्पकारों को तोहफा
प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी का आज जन्मदिन है। आज वे 73 साल के हो गए। अपने जन्मदिन पर वे देश के लाखोंं कारीगरों और हस्तशिल्पकारों को बड़ी सौगात देते हुए विश्वकर्मा योजना की घोषणा की। गौरतलब है कि इस योजना का ऐलान वित्त मंत्री ने 2023-24 के केंद्रीय बजट में किया था और पीएम मोदी ने इसे जल्द लागू करने का वादा लालकिले से किया था। गत महिना ही इस योजना को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में हरी झंडी भी मिल गई थी। विश्वकर्मा योजना के तहत सरकार 13000 करोड़ रुपये खर्च करेंगी। इस योजना के जरिए पारंपरिक कौशल वाले लोगों को आर्थिक और ट्रेनिंग मदद दी जायेगी।
रियायती दरों पर मिलेगा 3 लाख रुपये तक का लोन
पारंपरिक कौशल रखने वाले कारीगरों के पास सबसे बड़ी चुनौती और समस्या वित्त की होती है। इन्हीं समस्याओं के मद्देनजर पीएम मोदी ने इस योजना का आज शुभारंभ किया है। योजना के जरिए सुनार,लोहार,नाई,दर्जी और चर्मकार जैसे पारंपरिक कौशल रखने वाले लोगों को कई तरह से फायदे मिलने वाले हैं। योजना के मुताबिक कारीगरों को पहले चरण में एक लाख रुपये तक का लोन और दूसरे चरण में 2 लाख रुपये तक का रियायती लोन उपलब्ध कराया जायेगा। यानी 3 लाख रुपये तक का लोन वो भी महज 5 प्रतिशत के रियायती ब्याज दरों पर। यहीं नहीं इस योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करने पर भी जोर दिया जायेगा। ताकि इनके उत्पाद ना सिर्फ घरेलू बाजारों तक अपनी पहुंच बना सके बल्कि वैश्विक स्तर तक भी अपनी ड़ंका बजा सके।
3 लाख रुपये तक का लोन लेने के लिए यह होगा प्रक्रिया
पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को दो चरणों में दिए जा रहे कर्ज के तहत पहले चरण में व्यवसाय करने के लिए 1 लाख रुपये तक का कर्ज दिया जायेगा। और जब व्यवसाय शुरू हो जायेगा तो फिर उस व्यवसाय को व्यवस्थित करने के लिए पड़ने वाली पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार दूसरे चरण के तहत 2 लाख रुपये का रियायती लोन उपलब्ध करायेगी। कारीगरों और शिल्पकारों को डिजीटल में लेन-देन करने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा। यहीं नहीं उनके लिए बाजार समर्थन भी उपलब्ध कराया जायेगा।
18 व्यवसायों के लिए इस योजना का ले सकते है लाभ
पीएम मोदी द्वारा घोषित इस योजना में 18 तरह के पारंपरिक कौशल वाले व्यवसायों को शामिल किया गया है। इसके पीछे मकसद साफ है कि देश भर के ग्रामीण और शहरी कारीगरों और शिल्पकारों का दशा और दिशा बदला जा सके। इन्हें आर्थिक रुप से समृद्ध करने के साथ साथ उनके द्वारा तैयार किए गए उत्पादों,कला और शिल्प के जरिए भारत की परंपरा,संस्कृति को भी जीवित बनाए रखना भी इस योजना का मकसद है। 18 व्यवसायों में कारपेंटर,नाव बनाने वाले,लोहार,ताला बनाने वाले,सुनार,मिट्टी के बर्तन सहित अन्य सामान बनाने वाले कुम्हार,मूर्तिकार.राज मिस्त्री,मछली का जाल बनाने वाले,खिलौने बनाने वाले,दर्जी,जूता बनाने वाले मोची,अस्त्र बनाने वाले,हथौड़ा और टूलकिट बनाने वाले,टोकरी चटाई झाड़ू बनाने वाले,पारंपरिक गुड़िया बनाने वाले,नाई,माला बनाने वाले और धोबी।
कारीगरों और शिल्पकारों को दी जायेगी स्टाइपेंड ट्रेंनिंग
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों के कौशल को निखारने के लिए मास्टर ट्रेनरों के माध्यम से इन्हें ट्रेनिंग भी दी जायेगी। ट्रेनिंग के दौरान भी इन्हें 500 रुपये का भत्ता सरकार की तरफ से दिया जायेगा। इस मौके पर पीएम मोदी ने दो आग्रह किया-सामान हमेशा जीएसटी वाले दुकानों से खरीदें और दूसरा जो भी उपकरण या टूल्स खरीदे वे मेक इन इंडिया हो। यहीं नहीं ट्रेनिंग से जुडे लोगों को पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और आईडी कार्ड, बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग से जुड़े स्किल अपग्रेडेशन,15000 रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन और डिजीटल लेन देन के लिए प्रोत्साहन दिया जायेगा।