RBI ने इंग्लैंड से 102 टन सोना भारत वापस लाया
RBI के पास मौजूद 855 टन सोने में से 510.5 टन देश में सुरक्षित स्थान पर रखा गया है।
दिवाली से पहले एक और खुशखबरी मिली है। धनतेरस पर, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जानकारी दी है कि उसने लंदन में बैंक ऑफ इंग्लैंड के वॉल्ट से 102 टन सोना देश के भीतर सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है। विदेशी मुद्रा भंडार के प्रबंधन पर नई रिपोर्ट से पता चला है कि सितंबर के अंत में, RBI के पास मौजूद 855 टन सोने में से 510.5 टन देश में सुरक्षित स्थान पर रखा गया है।
पिछले 2 सालों में 214 टन सोना देश में लाया गया
सितंबर 2022 के बाद से, 214 टन सोना देश में लाया जा चुका है। एक तरफ इजराइल अपने पड़ोसी देशों ईरान,ईराक,लेबनान,हमास,हिजबुल्लाह सहित 7 मार्चों पर जंग लड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ पिछले दो वर्षों से रुस और युक्रेन के बीच जारी जंग के रुकने का फिलहाल कोई आसार नहीं है। ऐसे में सरकार दुनियाभर में बढ़ते इन भू-राजनीतिक तनाव के बीच सोने को सुरक्षित रखना चाहती है। सरकार में कई लोग मानते हैं कि घर में सोना रखना ज्यादा सुरक्षित है।
साल के पांचवे महिने में भी भारत लाया गया था 100 टन सोना
इससे पहले 31 मई को, एक रिपोर्ट में कहा गया था कि यूनाइटेड किंगडम से 100 टन सोना भारत लाया गया है। 1990 के दशक की शुरुआत में भारत की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई थी और उसे सोना गिरवी रखना पड़ा था। यह पहली बार था, जब इतना अधिक सोना भारत में वापस आया था। इंग्लैंड से सोना वापस लाने के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था का इंतेजाम किया जाता है। पिछली बार की तरह, RBI और सरकार ने सोने को देश में लाने के लिए स्पेशल एयरक्राफ्ट और सिक्योरिटी अरेंजमेंट के साथ एक सीक्रेट मिशन चलाया। सोने के सुरक्षित रखने के लिए इस बात को ध्यान में रखा गया कि किसी भी तरह की कोई जानकारी लीक न हो।
RBI देश के साथ विदेश में भी रखता है सोना
RBI केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी सोना रखता है। सभी देशों के केंद्रीय बैंक सोने को अलग-अलग जगहों पर रखना चाहते हैं, ताकि जोखिम कम हो सके। सबसे पहले तो सोने की सेफ्टी को ध्यान में रखा जाता है। अगर भारत में आपदा या राजनीतिक अस्थिरता से आर्थिक स्थिति खराब होती है तो इससे उबरने में विदेशों में रखा सोना काम आता है। प्राकृतिक आपदाओं से भी सोने के भंडार को नुकसान पहुंच सकता है। अलग-अलग जगह सोना रखने से यह जोखिम कम होता है।
कई देशों के केंद्रीय बैंकों के लिए सोने का भंडारगृह है ब्रिटेन
ब्रिटेन का बैंक ऑफ इंग्लैंड परंपरागत रुप से कई केंद्रीय बैंकों के लिए सोने का भंडारगृह रहा है। भारत की आजादी से पहले से ही कुछ मात्रा में सोना लंदन में जमा है, क्योंकि आजादी से पहले, ब्रिटेन बैंक ऑफ इंग्लैंड में भारत का सोना रखता था। इसलिए आजादी के बाद भी, भारत ने कुछ सोना लंदन में ही रखा हुआ है। अब भी, 324 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स की सेफ कस्टडी में रखा गया है। बैंक ऑफ इंग्लैंड में कई देश अपना सोना रखते हैं। ये न्यूयॉर्क फेडरल रिजर्व के बाद दूसरा सबसे बड़ा गोल्ड कस्टोडियन है।
1697 में बनाया गया था इंग्लैंड का बुलियन वेयरहाउस
“बुलियन वेयरहाउस” – 1697 में बनाया गया था और बाद में ब्राजील से ऑस्ट्रेलिया और कैलिफोर्निया से दक्षिण अफ्रीका के सोने को स्टोर करने के लिए इसका विस्तार किया गया। इसमें लगभग 4 लाख गोल्ड बार हैं। सितंबर में, इन तिजोरियों में लगभग 5,350 टन सोना था।
सोना देश में आर्थिक स्थिरता रखता है, इसलिए भंडार किया जाता है
यदि किसी देश की करेंसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमजोर होती है, तो सोने का भंडार उस देश की क्रय शक्ति और उसकी आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने में मदद करता है। 1991 में जब भारत की इकोनॉमी डूब रही थी और उसके पास सामान इंपोर्ट करने के लिए डॉलर नहीं थे तो उसने सोने को गिरवी रख पैसे जुटाए थे और इस फाइनेंशियल क्राइसिस से बाहर आया था। बहुत अधिक भंडार होने का मतलब है कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत है। यह भी पता चलता है कि वह देश अपने धन का अच्छी तरह से प्रबंधन करता है। ऐसे में अन्य देश और ग्लोबल फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन उस देश पर ज्यादा भरोसा करते हैं। गोल्ड रिजर्व किसी भी देश की करेंसी वैल्यू का सपोर्ट करने के लिए एक सॉलिड एसेट प्रदान करता है।
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