दिल्ली में यमुना नदी का पानी घटा,दिल्ली बाढ़ को लेकर सियासत तेज

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बाढ़ के हालात में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। उधर यमुना नदी का कहर भी फिलहाल थोड़ा शांत होने का संकेत दे रहा है। दिल्ली में यमुना का पानी अभी खतरे के निशान से काफी अधिक बह रहा है। यमुना से पानी अभी ठीक से निकला भी नहीं है कि इसे लेकर सियासत और आरोप-प्रत्यारोप का खेल शुरू हो गया है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने कहा है कि हालांकि अगले 12 घंटों में यमुना में पानी कम हो जायेगा,लेकिन बड़ा सवाल उठता है कि आखिर क्यों हथिनी बैराज का पानी सिर्फ दिल्ली के लिए क्यों छोड़ा गया। हथिनी बैराज से आखिर क्यों पानी का एक बूंद भी हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कैनाल के लिए छोड़ा गया। आप नेता व मंत्री ने साथ ही सवाल किया कि क्या दिल्ली को बाढ़ से बचाया जा सकता था। उन्होंने हरियाणा सरकार से इन सवालों के जवाब मांगे हैं।

 

दिल्ली सरकार के आरोप पर हरियाणा सरकार ने दिया जवाब

दिल्ली सरकार के आरोप का जवाब देते हुए हरियाणा कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिल्ली में बाढ़ आने के मूल कारण यह बताया।

हमारे पास कोई डैम नहीं है…हमारे पास जैसे ही पानी आता है उसे दिल्ली,आगरा,इलाहाबाद के लिए छोड़ दिया जाता है जो आगे जाकर महासागर से मिल जाता है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी अपनी जिम्मेदारी से भाग रही हैं..इससे पहले भी यमुना में पानी का स्तर बढ़ा है…लेकिन यमुना बेसिन पहले चौड़ा था…लेकिन यमुना नदी के दोनों तरफ अवैध निर्माण और स्वामित्व की वजह से यमुना सिकुड़ गई है जिसकी वजह से यमुना नदीं पर पानी का स्तर बढ़ जा रहा है। बाढ़ में दिल्ली के डूबने का मूल कारण जमीनों का अवैध रुप से पजेशन या स्वामित्व है..

थोड़ी राहत की बात यह है कि दिल्ली यमुना का वाटर लेवल कम हुआ। दोपहर 12 बजे तक यमुना नदी का जलस्तर घटकर 207.38 मीटर पर आ गया। उम्मीद की जा रहा है कि यह अभी और कम होगा। उधर मौसम विभाग ने दिल्ली के बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, 15-16 जुलाई को दिल्ली में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। पिछले दो-तीन दिनों से यमुना नदी के आस-पास या दिल्ली के निचले इलाकों में जहां तक नजर जा रही है पानी-पानी ही दिख रहा है। अभी भी बाढ़ का पानी यमुना बाजार, लाल किला, ITO, बेला रोड और आसपास के इलाकों में भरा हुआ है। राहत और बचाव के लिए NDRF की 15 से अधिक टीमें अभी भी तैनात हैं। उधर दिल्ली के मुख्यमंत्री ने भी बाढ़ के हालात को देखते हुए आज शाम कैबिनेट की बैठक बुलाई है।

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