केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इंडस्ट्री को दिया भरोसा, इथेनॉल के दाम रहेंगे स्थिर
कार और दोपहिया वाहनों के फ्लैक्सी फ्यूल इंजन डेवलप करने वाली कंपनियों के सामने सबसे बड़ी मुश्किल यह भी पैदा होती है कि खुले बाजार में अफोर्डेबल प्राइस पर बायो फ्यूल की उपलब्धता बनी रहे। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इंडस्ट्री को भरोसा दिया कि इथेनॉल के दाम स्थिर रहेंगे। दिल्ली में आयोजित आईएफजीई के बायो एनर्जी एंड टेक एक्सपो को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की कारगर नीतियों की वजह से लंबित पड़े इथेनॉल सप्लायरों के पारिश्रमिक कीमत और गन्ना किसानों के बकाया राशि को चुकाया जा सका। इसकी वजह से भी इथेनॉल की कीमत को स्थिर रखने में मदद मिली है। सरकार इथेनॉल सहित वैकल्पिक ईंधन को डेवलप करने को लेकर प्रतिबद्ध है।
इथेनॉल उत्पादन के लिए दो रिफायनरी लगाए गए
केंद्रीय मंत्री पुरी ने जानकारी दी कि वायु प्रदूषण से बचाव और इथेनॉल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए दो सेकेंड जेनेरेशन रिफायनरी का सेट अप किया गया हैं। हरियाणा के पानीपत में पराली से इथेनॉल बनाने का रिफायनरी लगाया गया है। वहींं दूसरी रिफायनरी असम के नोमालीगढ़ में बांस से इथेनॉल बनाने का रिफायनरी लगाया गया है। इससे किसानों को अन्नदाता से ऊर्जादाता बनाने में मदद मिलेगी। पेट्रोलियम पदार्थों में इथेनॉल की ब्लेंडिंग ऊर्जा क्षेत्र में भारत की बड़ी सफलता है। साल 2014 में इथेनॉल ब्लेंडिंग 1.53 फीसदी था जो साल 2024 में बढ़कर 15 फीसदी हो गया है। अक्टूबर 2025 तक यह बढ़कर 20 फीसदी हो जायेगा। इथेनॉल ब्लेंडिंग से ना सिर्फ प्रदूषण को कम करने में मदद मिली बल्कि इससे बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा की भी बचत किया जा सका। साल 2014 से 14 जुलाई 2024 तक 99,014 करोड़ रुपये का बचत किया जा सका है।
कार्बन डायक्साइड उत्सर्जन को कम करने में मदद मिली
14 जुलाई 2024 तक एक दशक में 519 लाख मिट्रिक टन कार्बन डायक्साइड का उत्सर्जन हुआ। यहीं नहीं क्रूड ऑयल का वैकल्पिक ईंधन करीब 173 लाख मिट्रिक टन का रहा। इथेनॉल मैन्यूफेक्चरिंग कंपनियों द्वारा 1,45,930 करोड़ रुपये डिस्टिलर्स को भुगतान किया गया। जबकि 14 जुलाई 2024 तक गन्ना किसानों को 87,558 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। केंद्रीय मंत्री पुरी ने इंडस्ट्री से अपील की है कि वे ना सिर्फ नये वैकल्पिक ईंधन वाले वाहनों के इंजन पर काम करे बल्कि पुराने वाहनों में भी कैसे वैकल्पिक ईंधन वाले इंजन फिट किया जा सकता है उस पर भी काम किया जाना चाहिए।