दिल्ली में गाड़ियों के प्रदूषण जांच के लिए चुकाने होंगे अधिक रकम,13 साल बाद PUCC प्रमाण पत्र की फीस बढ़ी, नई दरे 80 रुपये,110 रुपये और 140 रुपये
दिल्ली सरकार ने आखिरकार 13 सालों के बाद प्रदूषण जांच दरों में बढ़ोत्तरी की है। दिल्ली सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक पेट्रोल,सीएनजी या एलपीजी दो पहिया और तीन पहिया वाहनों के लिए अब 80 रुपये का भुगतान करना होगा। वहीं पेट्रोल,सीएनजी या एलपीजी (बायो फ्यूल सहित) चार पहिया या इससे अधिक की श्रेणियों के लिए 110 रुपये चुकाने होंगे। इसके अलावा डीजल से चलने वाले वाहनों के लिए अब 140 रुपये का भुगतान करना होगा।
इससे पहले यह थी व्यवस्था
अब से 13 साल पहले यानी वर्ष 2011 में प्रदूषण जांच की दरें तय की गई थी। 2011 में दो पहिया और तीन पहिया वाहनों के लिए 60 रुपये,चार पहिया वाहनों के लिए 80 रुपये और डीजल से चलने वाले वाहनों के लिए 100 रुपया निर्धारित किया गया था। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने जानकारी दी कि दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन की लंबे समय मांगों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने इन दरों में संशोधन करने का फैसला लिया।
प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र नहीं होने पर 10000 रुपये का जुर्माने का प्रावधान
दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण की रोकथाम के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से कई कठोर कदम उठाए जाते रहे हैं। इसी कड़ी में वाहनों से निकलने वाले धुओं पर लगाम लगाने के लिए भी सरकारें तमाम नियम-कानून लागू करती रही हैं। दिल्ली में भी प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली का परिवहन विभाग प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्रों की समय-समय पर जांच करता रहता है। वैलिड पीयूसी प्रमाण पत्र नहीं होने पर दिल्ली में 10000 रुपये का जुर्माना लग सकता है।