Maruti Suzuki की सालाना आधार पर मुनाफे में 17% कमी,6% गिरा शेयर
मारुति सुजुकी को वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 3,069 करोड़ रुपए का मुनाफा (स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट) हुआ है।
देश में सबसे ज्यादा चार पहिया वाहन बेचने वाली कंपनी मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) का आज दूसरी तिमाही का रिजल्ट जारी हुआ। कंपनी को वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 3,069 करोड़ रुपए का मुनाफा (स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट) हुआ है। जबकि सालाना आधार पर (YoY) इसमें 17% की कमी आई है। गौरतलब है कि एक साल पहले की जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी को 3,717 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू 37,203 करोड़ रुपए रहा। जुलाई-सितंबर 2023 में कंपनी ने 37,062 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। सालाना आधार पर इसमें 0.37% की मामूली बढ़त रही।
रिजल्ट के बाद मारुति सुजुकी(Maruti Suzuki) के शेयर में बड़ी गिरावट
तिमाही नतीजों के आने के बाद मारुति सुजुकी के शेयर में मंगलवार यानी 29 अक्टूबर को दोपहर 1:55 बजे करीब 6% की गिरावट रही। हालांकि बाद में कंपनी का शेयर थोड़ा संभला और यह 3.81 फीसदी गिरकर 11,046 के स्तर पर बंद हुआ। मारुति सुजुकी का शेयर एक महीने में 17.95% और छह महीने में 14.40% गिरा है। कंपनी का शेयर बीते एक साल में 4.47% और इस साल यानी 1 जनवरी से अब तक 5.63% चढ़ा है। कंपनी का मार्केट कैप 3.42 लाख करोड़ रुपए है।
आइए जानते है, क्या होता है स्टैंडअलोन और कंसोलिडेटेड?
कंपनियों के रिजल्ट दो भागों में आते हैं- स्टैंडअलोन और कंसोलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है। जबकि, कंसोलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनियों की रिपोर्ट दी जाती है।
सुजुकी मोटर गुजरात प्राइवेट लिमिटेड का विलय
मारुति सुजुकी(Maruti Suzuki) ने तिमाही नतीजों के साथ मारुति सुजुकी इंडिया के बोर्ड ने सुजुकी मोटर गुजरात प्राइवेट लिमिटेड के विलय को मंजूरी दे दी है। पिछले साल, सुजुकी मोटर इंडिया ने सुजुकी मोटर गुजरात प्राइवेट लिमिटेड (SMG) का अधिग्रहण किया था। जिसके बाद यह मारुति सुजुकी इंडिया की 100% सब्सिडियरी कंपनी बन गई। सुजुकी मोटर गुजरात सुजुकी मोटर इंडिया की ऑटोमोटिव मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट है।
1981 के भारत सरकार के स्वामित्व में बनी थी मारुति
मारुति सुजुकी की स्थापना 24 फरवरी 1981 के भारत सरकार के स्वामित्व में मारुति इंडस्ट्रीज लिमिटेड रूप में हुई थी। 1982 में कंपनी ने जापान की सुजुकी कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर जॉइंट वेंचर ‘मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड’ बनाई। भारतीयों के लिए पहली बजट कार 1983 में मारुति 800 लॉन्च हुई। 47,500 रुपए की एक्स शोरूम कीमत पर कंपनी ने देश के एक बड़े तबके को कार खरीदने के सक्षम बनाया था। मारुति सुजुकी(Maruti Suzuki) पिछले 40 साल में देश में करीब 3 करोड़ गाड़ियां बेच चुकी है।
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