मेरी चमड़ी मोटी नहीं,चोर-भ्रष्टाचारी कहने पर दुख होता है-अरविंद केजरीवाल

मोहन भागवत से सीधा सवाल,75 साल के बाद रिटायरमेंट का नियम पीएम नरेंद्र मोदी पर लागू क्यों नहीं

आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार यानी 22 सितंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर जनता की अदालत कार्यक्रम की। उन्होंने 4 अप्रैल 2011 से शुरू हुए अन्ना आंदोलन और पहली बार चुनाव जीतने की घटना का जिक्र किया। केजरीवाल ने कहा हम पहली बार में ही ईमानदारी के दम पर सत्ता में आ गए। उन्होंने कि ईमानदारी से दिल्ली की सरकार चला रहे है,इस बीच दिल्ली वासियों को तमाम वो सुविधाएं दी जिसे दिया जाना चाहिए था। मुफ्त में बिजली दी,पानी मुफ्त किया,महिलाओं को मुफ्त में बस यात्रा कराया जा रहा है और बुजुर्गों को मुफ्त में तीर्थ यात्राएं कराई जा रही है। अस्पताल, मोहल्ला क्लिनिक और बेहतरीन आधुनिक स्कूल बनाए जा रहे है। 10 वर्षों से अधिक समय तक ईमानदारी से काम किया, तो नरेंद्र मोदी और भाजपा को लगने लगा कि इनसे जीतना है तो ईमानदारी पर चोट करो। इसलिए उन्होंने आम आदमी पार्टी के नेताओं पर भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाए। आप पार्टी के मंत्रियों और नेताओं को चुन-चुनकर जेल में डाला।

ईमानदार हूं तभी वोट देना,वरना मत देना

दिल्ली मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वे सत्ता और कुर्सी का लालची नहीं है। भाजपा ने भ्रष्टाचारी और चोर कहा तो दुख हुआ। उन्होंने कहा कि लांछन के साथ कुर्सी तो क्या सांस भी नहीं ले सकता हूं, जी भी नहीं सकता।मैंने इसलिए इस्तीफा दिया क्योंकि मैं भ्रष्टाचार करने नहीं आया था, मुझे सीएम पद की सत्ता की भूख नहीं है। मैं पैसे कमाने नहीं आया था। देश के लिए आए थे, भारत माता के लिए आए थे, देश की राजनीति बदलने आए थे। मैंने मन में सोचा था कि जब तक कोर्ट, बरी नहीं कर देती मैं दोबारा कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। वकीलों ने कहा कि 8-10 साल चलेगा केस, तो मैंने तय किया कि जनता की अदालत में जाऊंगा, वो बताएगी कि मैं ईमानदार हूं या नहीं। अगला दिल्ली चुनाव मेरी अग्नि परीक्षा है, अगर ईमानदार हूं तो ही वोट देना। ये झाड़ू अब चुनाव चिन्ह नहीं है, ये आस्था का प्रतीक है। जब एक आदमी वोट डालने जाता है और झाड़ू को बटन दबाता है तो आंख बंद करके पहले भगवान का नाम लेता है। सोचता है कि ईमानदार सरकार बनाने जा रहा है। आपके बीच आया हूं कि क्या केजरीवाल चोर है या केजरीवाल को जेल भेजने वाले चोर हैं। ये आपको तय करना है।

75 वर्ष होने पर नरेंद्र मोदी रिटायर्ड क्यों नहीं?

जनसभा को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से 5 सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि जब 75 साल में  लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और कलराज मिश्र जैसे भाजपा नेताओं को रिटायर कर दिया तो ये नियम मोदी पर लागू क्यों नहीं। गृहमंत्री अमित शाह कह रहे हैं कि नरेंद्र मोदी पर यह नियम लागू नहीं होगा। मोहन भागवत जी इस सवाल का जवाब दीजिए,क्या ये सही है?

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मौजूदा राजनीति  लोकतंत्र के लिए खतरा

अरविंद केजरीवाल ने संघ प्रमुख से पूछा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में लालच देकर या ईडी और सीबीआई का डर दिखाकर विपक्षी दलों के नेताओं को तोड़ रहे हैं, उनकी सरकारें गिरा रहे हैं। भागवत जी क्या ये देश के लोकतंत्र के लिए सही है,क्या आपको नहीं लगता कि यह प्रचलन लोकतंत्र के लिए खतरा है?

भ्रष्ट नेता भाजपा में शामिल होते ही पाक साफ

अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी और भाजपा पर आरोप लगाया कि देश के सबसे भ्रष्ट नेताओं को वे अपनी पार्टी में शामिल करते हैं। भ्रष्ट नेता भाजपा में शामिल होते ही पाक साफ हो जाते है। उन्होंने कहा कि जिन नेताओं को पीएम मोदी और अमित शाह ने पहले भ्रष्ट कहा, बाद में उन्हीं को भाजपा में शामिल कर लिया गया। कई जगह तो इनके सहयोग से सरकार तक चला रहे है। भागवत जी क्या आपने ऐसी भाजपा की कल्पना की थी? क्या इस प्रकार की राजनीति से संघ सहमत है?

गलत रास्ते पर चलने पर मोदी को क्यों नहीं रोका

संघ प्रमुख से आप संयोजक ने सवा किया कि क्या आपने मोदी जी को कभी कहा कि वे गलत रास्ते पर न चले? क्या आप आज की भाजपा की कार्यशैली से संतुष्ट हैं? चूंकि भाजपा आरएसएस की कोख से जन्मी है,लिहाजा ये संघ की जिम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करे कि भाजपा सही मार्ग पर चले।

आज बेटा मां को आंखे तरेर रहा है

अरविंद केजरीवाल ने भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के उस बयान का जिक्र करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत से सवाल किया। जिसमें नड्डा ने लोकसभा चुनावों के दौरान कहा था कि अब भाजपा को आरएसएस की जरूरत नहीं है केजरीवाल ने संघ प्रमुख से सवाल करते हुए कहा कि चूंकि आरएसएस भाजपा की मां समान है। क्या आपको दुख नहीं हुआ जब आपके बेटे(भाजपा) ने ऐसा कहा? क्या आरएसएस के प्रमुख और कार्यकर्ताओं को इससे दुख नहीं हुआ?

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