RBI ने UPI lite की लिमिट 1000 रुपये UPI lite Wallet लिमिट 5000 रु0 की

यूजर्स को RTGS और NEFT लुकअफ फैसिलिटी भी मिलेगी। नॉन बिजनेस लोन के फोरक्लोजर पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार और आरबीआई लगातार कई सुधारात्मक कदम उठा रहे हैं। इसी कड़ी में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यूपीआई(UPI) लाइट पर ट्रांजेक्शन(लेनदेन) लिमिट को 500 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया है। यही नहीं आरबीआई ने यूपीआई लाइट वॉलेट की लिमिट को भी 2000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये तक करने का फैसला किया है।

फीचर फोन का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए भी सौगात

फीचर फोन यूजर्स के लिए आरबीआई ने यूपीआई(UPI) 123 की लिमिट को 5000 रुपये से बढ़ाकर 10000 रुपये कर दिया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठकों में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए इसका ऐलान किया। इससे पहले आरबीआई ने 8 अगस्त 2024 की मॉनेटरी पॉलिसी में यूपीआई के माध्यम से टैक्स पेमेंट की सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का ऐलान किया था।

यूपीआई की तरह RTGS और NEFT में लुकअप फैसिलिटी मिलेगी

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वर्तमान में यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस (UPI) और इमेडिएट पेमेंट सर्विस (IMPS) में लुकअप फैसिलिटी मिलती है। लुकअप फैसिलिटी के जरिए पेमेंट करते समय रिसीवर का नाम और डिटेल दिख जाती है। इससे गलत व्यक्ति को पेमेंट होने की आशंका खत्म हो जाती है। अब यह फीचर रियल टाइम ग्रॉस सेटेलमेंट सिस्टम (RTGS) और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) प्रणाली में भी लाने का प्रस्ताव है।

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अब नॉन बिजनेस लोन के फोरक्‍लोजर पर कोई चार्ज नहीं

आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि अब समय से पहले नॉन बिजनेस लोन चुकाने पर कोई चार्ज या पेनाल्टी नहीं लगेगी। दरअसल, कई लोन की अवधि पूरी होने से पहले अगर आप उसे बंद कराते हैं तो इसके लिए बैंक को जो चार्ज देना पड़ता है, इसे ही लोन फोरक्‍लोजर चार्ज कहते हैं। आरबीआई के इस फैसले के बाद कोई चार्ज या पेनाल्टी नहीं चुकानी होगी।

लगातार तेजी से बढ़ रहा डिजिटल पेमेंट का चलन

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